Kathua Terror Attack : जम्मू के कठुआ जिले में सोमवार 8 जुलाई को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद और कई जवान घायल हो गए। हमले में घायल 5 जवानों को कठुआ के बिलावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से देर रात पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है। यह घटना एक चश्मदीद ने हमले की आंखों देखी बाते बताई है। चश्मदीद ने बताया कि करीब साढ़े तीन घंटे दोनों तरफ से फायरिंग चलती रही और वह एक दुकान के अंदर छिपे रहे। जब यह हमला हुआ तो वह दुकान के अंदर डर से कांपते हुए छिपे रहे। फिर फायरिंग रुकी तो वह बाहर निकले और देखा कि कुछ जवान घायल हैं और कुछ शहीद हो गए हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने सेना के साथ मिलकर जवानों को बाहर निकालने में मदद की।
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करीब 3 घंटे तक चलीं फायरिंग
चश्मदीद ने आगे कहा कि उनका नाम पूरन चंद है और हमले के पास ही एक दुकान पर वह और 10-12 लोग बैठे थे। उन्होंने कहा कि पहले एक धमाका हुए और फिर दस मिनट बाद ही फायरिंग शुरू हो गई। पूरन चंद ने बताया कि मैंने पहले देखा तीन बजे के करीब एक गाड़ी गई और उसके 10 मिनट बाद दो आर्मी की गाड़ियां आ गईं। कुछ समय बाद फिर फायरिंग शुरू हो गई। करीब 3.20 बजे से फायरिंग शुरू हुई और छह बजे तक होती रही।
चश्मदीद ने बताया
चश्मदीद ने बताया कि बहुत तेज से पहले एक धमाका हुआ। हमे लगा गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया है। उसके बाद जब ज्यादा फायरिंग शुरू हो गई तो हमे समझ आ गया कि एनकाउंटर शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि यहां दुकान पर 10-12 लोग बैठे हुए थे। दोनों तरफ से फायरिंग चल रही थी इसलिए हम लोग बाहर नहीं निकले क्योंकि हमें गोली लग सकती थी। उन्होंने ने कहा कि करीब पांच बजे तक दोनों तरफ से गोलियां चलती रहीं और फिर पौना घंटा रुक-रुक कर गोलियां चल रही थी, और वो सिर्फ एक तरफ से चल रही थी।
उन्होंने कहा कि इस दौरान वह लोग कांपते थे अंदर और ना ही बाहर निकल पा रहे थे, जो जवान शहीद हुए थे, उनको निकालने में उन्होंने आर्मी की मदद की। 7 जुलाई सोमवार को हुए इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए हैं। इस दौरान आतंकियों ने ग्रेनेड भी फेंका था।


