भगवान और भक्त का रिश्ता अनोखा होता है। भक्त अलग-अलग तरीके से अपने ईश्वर को खुश करने की कोशिश करते हैं। ताकि ईश्वर की उन पर कृपादृष्टि पड़े। लेकिन भगवान के प्रति अपनी आस्था और समर्पण प्रकट करने के लिए भक्त कई बार ऐसे काम कर जाते हैं। जिन्हें देख दुनिया हैरान रह जाती है। कुछ ऐसा ही उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले की रहने वाली दिव्यांग हर्षिका ने भी किया, जिन्होंने पूरे रीति-रिवाजों के साथ भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति से विवाह रचा लिया। हर्षिका ने इस दौरान सारी रस्में निभाई और उनकी बारात में सैकड़ों लोग भी जुटे।
बता दें कि हल्द्वानी के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी दिव्यांग हर्षिका ने भगवान कृष्ण से विवाह रचाकर ईश्वर के प्रति समर्पण जताया है। आठ साल की उम्र में श्रीकृष्ण को पति मानने वाली हर्षिका ने मीराबाई की तरह अपने जीवन को श्री कृष्ण को समर्पित कर दिया। हर्षिका ने आज बैंड बाजे की धुन और 300 से अधिक बरातियों की सामने श्रीकृष्ण की मूर्ति से विवाह किया।
विवाह के लिए वृंदावन में भेजा निमंत्रण
बता दें कि शादी की तैयारियां छह माह से चल रही थीं। पिता पूरन चंद्र पंत ने बेटी के विवाह के लिए वृंदावन में निमंत्रण भेजा और वहां से नौ इंच की भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति तीन जुलाई को धूमधाम से उनके घर पहुंची बुधवार को उनके आवास पर महिला संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ पिता पूरन चंद्र ने बताया कि तीन सौ से अधिक लोगों को निमंत्रण भेजा गया। दो पंडितों ने विवाह कराया। गौरतलब है कि हल्द्वानी के बेरीपड़ाव में करीब 10 साल पहले भी ऐसा विवाह हो चुका है।
भगवान श्री कृष्ण से कराया बेटी का विवाह
हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत व्यवसायी हैं और बागेश्वर में उनकी दुकान है। पैरालाइज होने और हल्द्वानी में इलाज चलने के कारण वर्ष 2021 में उन्होंने यहां घर बना लिया। पूरन के दो बच्चे हैं जिसमें बेटी बड़ी है और बेटा छोटा है। उन्होंने बताया कि बेटी का बचपन से कान्हा के साथ ऐसा लगाव रहा है कि वह उन्हीं से विवाह की जिद बांध बैठी थी। बेटी की इच्छा का सम्मान करने के लिए परिवार ने यह निर्णय लिया है और धूमधाम से बेटी का विवाह भगवान श्री कृष्ण से कराया है।