UP By Elections 2024 : उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। इनमें से तीन सीटें—कटेहरी (अंबेडकर नगर), मिल्कीपुर (अयोध्या), और फूलपुर (प्रयागराज)—विशेष रूप से बीजेपी और सपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई हैं। इन सीटों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की साख दांव पर लगी है, वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इन सीटों पर अपनी राजनीतिक चालें तेज कर दी हैं।
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योगी बनाम शिवपाल
कटेहरी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। दिलचस्प बात यह है कि अखिलेश यादव ने यहां पर बीजेपी के खिलाफ अपने चाचा और सपा के संगठनकर्ता शिवपाल यादव को मैदान में उतार दिया है। शिवपाल यादव, जो पिछले साल हुए घोसी उपचुनाव में सपा के उम्मीदवार की जीत में अहम भूमिका निभा चुके हैं, इस बार सीधे योगी आदित्यनाथ के सामने होंगे। यह मुकाबला सपा और बीजेपी के लिए महज एक चुनाव नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दल के बीच राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक बन गया है।
अवधेश प्रसाद की अग्निपरीक्षा
अयोध्या के मिल्कीपुर में भी चुनावी माहौल गर्म है। इस सीट पर अवधेश प्रसाद को अखिलेश यादव ने सपा का प्रभारी नियुक्त किया है। अवधेश प्रसाद, जो पासी बिरादरी से आते हैं, मिल्कीपुर में अपने संगठनात्मक कौशल का प्रदर्शन करने को तैयार हैं। इस सीट पर भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिम्मेदारी अपने हाथों में ली है। मिल्कीपुर की यह सीट भी बीजेपी और सपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई का अखाड़ा बन गई है। अवधेश प्रसाद की भूमिका और उनकी रणनीति इस सीट के परिणाम को तय करने में महत्वपूर्ण होगी।
मौर्य के सामने इंद्रजीत सरोज
प्रयागराज के फूलपुर सीट पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की साख दांव पर है। अखिलेश यादव ने इस सीट पर अपने दलित चेहरे इंद्रजीत सरोज को मैदान में उतार कर दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। सरोज पासी बिरादरी से आते हैं और उन्हें एक मजबूत संगठनकर्ता माना जाता है। बीजेपी के लिए इस सीट को जीतना आसान नहीं होगा, क्योंकि सपा ने यहां पर दलित कार्ड खेलते हुए अपने मतदाताओं को लामबंद करने की कोशिश की है।
सीएम योगी और डिप्टी सीएम मौर्य की परीक्षा
इन तीन महत्वपूर्ण सीटों पर योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य की नेतृत्व क्षमता की परीक्षा होनी है। मिल्कीपुर और कटेहरी सीटों को विशेष रूप से सीएम योगी ने अपनी जिम्मेदारी में लिया है, वहीं फूलपुर में मौर्य के सामने कड़ा मुकाबला है। अखिलेश यादव ने इन सीटों पर अनुभवी और जातिगत समीकरण साधने वाले नेताओं को खड़ा कर बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
उपचुनाव की अहमियत उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले इन उपचुनावों में करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर, और मीरापुर शामिल हैं। इनमें से अधिकांश सीटें विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण रिक्त हुई हैं, जबकि कानपुर की सीसामऊ सीट सपा नेता इरफान सोलंकी की विधायकी रद्द होने के कारण खाली हुई है।
उपचुनाव की अहमियत उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले इन उपचुनावों में करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर, और मीरापुर शामिल हैं। इनमें से अधिकांश सीटें विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण रिक्त हुई हैं, जबकि कानपुर की सीसामऊ सीट सपा नेता इरफान सोलंकी की विधायकी रद्द होने के कारण खाली हुई है।