Lucknow News : लखनऊ के चिनहट की नई बस्ती जैनाबाद में रहने वाले व्यापारी मोहित पांडेय की पुलिस हिरासत में मौत के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बख्शी का तालाब (बीकेटी) से भाजपा विधायक योगेश शुक्ला ने मोहित की मां को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी, लेकिन मोहित की पत्नी सुषमा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “मेरा सुहाग उजड़ गया, “अब ये कागज के टुकड़े मेरे किस काम के” उन्होंने विधायक द्वारा दिए गए रुपये मोहित के शव पर रख दिए। विधायक योगेश शुक्ला विरोध-प्रदर्शन के दौरान वहां पहुंचे थे और परिवार को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पुलिस के खिलाफ परिजनों का विरोध, एक करोड़ मुआवजे की मांग
मोहित के परिजन एक करोड़ रुपये मुआवजे, उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी, और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाकर शव को घर भिजवाया और शाम को पुलिस की मौजूदगी में भैंसाकुंड में मोहित का अंतिम संस्कार किया गया।
पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने जानकारी दी कि मोहित के पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई। (Lucknow News) रिपोर्ट के अनुसार मोहित के सिर, हाथ, कमर और पीठ पर चोट के निशान मिले हैं। हालांकि, डीसीपी का कहना है कि ये चोटें थाने में लाने से पहले हुई मारपीट के दौरान की हैं।
चिनहट थाने के इंस्पेक्टर समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर जांच
घटना के बाद पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सिंह सेंगर ने चिनहट थाने के इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया है और उनकी जगह भरत कुमार पाठक को नया थानाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। चिनहट थाने में तैनात अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच की जा रही है, और जल्द ही और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है।
मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला, फॉरेंसिक जांच के लिए सील की गई हवालात
इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई गई है। अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने इस घटना पर मानवाधिकार आयोग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज की है। डीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि फॉरेंसिक जांच के लिए चिनहट थाने की हवालात को कुछ समय के लिए सील किया गया था। फॉरेंसिक टीम द्वारा जांच के बाद हवालात को खोल दिया गया।
पुलिस ने बेरहमी से की पिटाई – परिजनों का आरोप
जानकारी के अनुसार, नई बस्ती जैनाबाद निवासी मोहित पांडेय को शुक्रवार रात करीब 9:30 बजे चिनहट पुलिस मारपीट की सूचना पर थाने लेकर गई थी। आरोप है कि पुलिस ने मोहित को रातभर थाने में रखा और बुरी तरह पीटा, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। शनिवार दोपहर उन्हें लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
भाई ने छोड़े जाने की लगाई गुहार
मोहित का टाई बेल्ट बनाने और बेचने का व्यवसाय था। उनके घर गोंडा निवासी आदेश नामक व्यक्ति टाई की सप्लाई का काम करता था। मोहित के चचेरे भाई ऋषि पांडेय के अनुसार, आदेश आए दिन मोहित के घर से रुपये निकाल लेता था, जिसे लेकर कई बार विवाद हो चुका था। शुक्रवार को भी दोनों के बीच झगड़ा हुआ, जिसके बाद आदेश ने पुलिस को बुला लिया। रात 9:30 बजे पुलिस मोहित को उनके घर से उठा ले गई।
मोहित के बड़े भाई शोभाराम ने उन्हें छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया और शांति भंग की धारा में बंद कर दिया। मां तपेश्वरी का आरोप है कि आदेश के कहने पर पुलिस ने मोहित को रातभर प्रताड़ित किया, जिससे उनकी जान चली गई। इस घटना पर मोहित की मां ने आदेश, उसके चाचा, इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी और अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया है।
पुलिस कस्टडी में मौतों का सिलसिला जारी
यह पहली बार नहीं है कि राजधानी लखनऊ (Lucknow News) में पुलिस अभिरक्षा में किसी व्यक्ति की मौत हुई हो। हाल ही में विकासनगर पुलिस हिरासत में अमन गौतम की मौत हो गई थी, जिसमें भी काफी हंगामा हुआ था। इससे पहले, गोमतीनगर विस्तार थाने में सीतापुर निवासी उमेश की 2020 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि पुलिसकर्मी अभी भी इन गंभीर घटनाओं से सबक नहीं ले रहे हैं।