Ziaur Rahman Barq News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। तहसील प्रशासन ने सांसद को उनके निर्माणाधीन मकान के संदर्भ में नोटिस जारी किया है। आरोप है कि बर्क ने बिना नक्शा पास कराए एक आवास का निर्माण कराया था। प्रशासन ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि वैध नक्शा पास किए बिना कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। सांसद को इस नोटिस का जवाब देने के लिए एक निश्चित समय सीमा दी गई है।
यह निर्माण नखासा थाना क्षेत्र के दीपा सराय में किया जा रहा था। प्रशासन का कहना है कि बिना नियमानुसार अनुमोदन लिए यह कार्य अवैध है और अगर इसे जारी रखा गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सांसद को नोटिस ऐसे समय में भेजा गया है जब
सांसद जियाउर्रहमान बर्क को यह नोटिस ऐसे समय में भेजा गया है जब एक दिन पहले यानी बुधवार को संभल जिले में प्रशासन ने बुलडोजर कार्रवाई की थी और सपा सांसद ने इसका विरोध किया था। बुधवार को संभल के जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने पुलिस बल के साथ सांसद के इलाके का दौरा किया था।
बुलडोजर एक्शन में क्या हुआ था?
बुधवार को संभल के डीएम और एसपी की उपस्थिति में एक बिजली के पोल पर अवैध कब्जा किए जाने के मामले में बुलडोजर कार्रवाई की गई। नखासा थाना क्षेत्र के दीपा सराय चौक पर एक दुकान के अंदर बिजली के पोल का अवैध कब्जा कर लिया गया था, जिसे प्रशासन ने बुलडोजर से मुक्त कराया। डीएम संभल डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि एक कूप (कुआ) को भी बंद कर दिया गया था, जिसे फिर से खोलने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, अतिक्रमण से संबंधित कई मामलों में प्रशासन और पुलिस द्वारा दबिश दी जा रही है। डीएम ने यह भी कहा कि बिजली विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह ट्रांसफार्मर को सही स्थान पर स्थापित करे और अवैध कब्जों को हटाए।
सांसद का विरोध और बयान
बुधवार को बुलडोजर कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर एक तल्ख बयान दिया। उन्होंने लिखा, “संभल से एक तल्ख हकीकत सामने आ रही है। पाँच मुसलमानों की जान लेने के बाद भी मुस्लिम मोहल्लों में खौफ पैदा करने के लिए बुलडोजर चलाया जा रहा है। मुतास्सिरीन को इंसाफ़ दिलाने के बजाय मुसलमानों को शक की बुनियाद पर जेलों में डाला जा रहा है और उन पर बेबुनियाद इल्ज़ाम लगाए जा रहे हैं, उन्हें शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जा रही हैं।”
सांसद ने यह भी कहा कि इस ज़ुल्म का शिकार केवल पुरुष ही नहीं, बल्कि महिलाएं भी हो रही हैं, जिसके कारण पूरे परिवार बेबस और डर के साए में जी रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह ज़ुल्म एक हौलनाक तस्वीर पेश करता है, जिसमें मासूम लोगों को कुसूरवार ठहराया जा रहा है और उन्हें सज़ा दी जा रही है।”