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Delhi Chunav 2025 : दिल्ली चुनाव में जाति, जेंडर और क्षेत्र से कहीं बढ़कर ये हैं 5 बड़े मुद्दे

by | Jan 23, 2025 | देश, बड़ी खबर, मुख्य खबरें, राजनीति

Delhi Chunav 2025 : दिल्ली के चुनावी दंगल में जाति, जेंडर और क्षेत्र (जोन) की चर्चा तो खूब होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन तीन फैक्टर के मुकाबले 5 बड़े मुद्दे हर बार चुनाव के नतीजों पर ज्यादा असर डालते हैं? इन मुद्दों पर राजनीति होती है। घोषणापत्र तैयार होते हैं, और यही मुद्दे दिल्ली की सत्ता का फैसला करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन मुद्दों को समझना जरूरी है, क्योंकि ये महंगाई, बेरोजगारी, साफ पानी, महिला सुरक्षा और विकास जैसे मुद्दे चुनावी रणनीतियों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण साबित होते हैं।

दिल्ली के चुनावों में महंगाई हमेशा एक प्रमुख मुद्दा रही है। सीएसडीएस के अनुसार पिछले तीन चुनावों में महंगाई ने सत्ता बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साल 2013 में करीब 39.4 प्रतिशत मतदाताओं ने महंगाई को अपना प्रमुख मुद्दा माना था। 2015 में यह आंकड़ा 17.3 प्रतिशत पर गिरा, लेकिन उस चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की। वहीं 2020 में महंगाई को लेकर केवल 3.5 प्रतिशत लोगों ने इसे प्रमुख मुद्दा माना, लेकिन फिर भी तीनों पार्टियां चुनावी वादों के रूप में फ्रीबीज के जरिए महंगाई की चिंता कम करने की कोशिश करती रही हैं।

महंगाई के बाद दिल्ली चुनावों में बेरोजगारी भी एक अहम मुद्दा बनकर उभरा है। 2013 में सिर्फ 2.5 प्रतिशत मतदाता ही रोजगार को मुख्य मुद्दा मानते थे, लेकिन 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 4.1 प्रतिशत हो गया। 2020 में यह आंकड़ा और भी बढ़ा, जब 10 प्रतिशत लोगों ने रोजगार को अपना प्रमुख मुद्दा बताया। बेरोजगारी की समस्या अब दिल्ली के चुनावी दंगल में एक बड़ा कारक बन चुकी है और उम्मीदवार रोजगार के मुद्दे पर अपनी रणनीति बना रहे हैं।

दिल्ली में हमेशा से विकास की बात की जाती रही है। 2013 के विधानसभा चुनाव में केवल 9.9 प्रतिशत मतदाताओं ने विकास को बड़ा मुद्दा माना था, लेकिन 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 11.3 प्रतिशत हो गया। 2020 में विकास के मुद्दे पर वोट करने वाले मतदाताओं की संख्या बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई। दिल्ली की बढ़ती आबादी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के मुद्दे को लेकर चुनावी घोषणापत्रों में कई वादे किए गए। खराब सड़कों और ट्रैफिक जैसी समस्याओं को लेकर भी उम्मीदवारों ने अपने मंच पर कई प्रमुख घोषणाएं की।

दिल्ली में साफ पानी का मुद्दा भी चुनावों में एक महत्वपूर्ण विषय बनकर सामने आया है। 2013 में केवल 3.8 प्रतिशत लोग पानी की समस्या को बड़ा मुद्दा मानते थे, लेकिन 2015 में फ्री पानी के वादे के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 4.1 प्रतिशत हो गया। 2020 में पानी की समस्या को लेकर 2.5 प्रतिशत लोग ही चिंतित थे, फिर भी आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के हर घर तक साफ पानी पहुंचाने का वादा किया था। इस बार भी पानी के मुद्दे को लेकर पार्टियां अपनी घोषणाओं में इसे प्रमुख रूप से शामिल कर रही हैं।

महिला सुरक्षा दिल्ली के चुनावों में एक अहम मुद्दा बन चुकी है। निर्भया गैंगरेप कांड के बाद 2013 में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर केवल 2.3 प्रतिशत लोग ही मतदान कर रहे थे। 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 8.1 प्रतिशत हो गया। 2020 में महिला सुरक्षा को लेकर 3.5 प्रतिशत लोगों ने इसे प्रमुख मुद्दा बताया। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अब चुनावी वादे किए जाते हैं, और यह मुद्दा इस बार भी महत्वपूर्ण बना हुआ है।

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