Mahakumbh Stampede : वकील विशाल तिवारी ने एक महत्वपूर्ण याचिका दायर की है, जिसमें सभी राज्यों से यह अनुरोध किया गया है कि वे प्रयागराज स्थित अपने सुविधा केंद्रों पर तीर्थयात्रियों को सुरक्षा उपायों और दिशानिर्देशों के बारे में बुनियादी जानकारी प्रदान करें। याचिका में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि तीर्थयात्रियों के लिए विभिन्न भाषाओं में घोषणाएं, दिशा-निर्देश और सड़कें दिखाने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं, ताकि अन्य राज्यों से आने वाले लोग बिना किसी परेशानी के सहायता प्राप्त कर सकें और यात्रा में कोई दिक्कत न हो।
इसके साथ ही, याचिका में यह सुझाव भी दिया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के साथ समन्वय करके सभी राज्य सरकारें प्रयागराज महाकुंभ के दौरान चिकित्सकीय आपातकाल की स्थिति में डॉक्टरों और नर्सों की छोटी मेडिकल टीमों को तैनात करें, ताकि चिकित्सा सुविधा की कमी न हो और तीर्थयात्रियों को तत्काल सहायता मिल सके।
याचिका का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसमें 29 जनवरी 2025 को महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ की घटना की जांच और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह भगदड़ के कारणों और उससे संबंधित घटनाओं पर एक स्टेटस रिपोर्ट पेश करें और उन अधिकारियों, कर्मचारियों या अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए जिनकी लापरवाही के कारण यह गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई।
भगदड़ की जांच की मांग
इस याचिका के माध्यम (Mahakumbh Stampede) से वकील विशाल तिवारी ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखना और तीर्थयात्रियों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करना बेहद महत्वपूर्ण है। यह याचिका एक संकेत है कि प्रशासन को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके और हर तीर्थयात्री की यात्रा सुरक्षित हो।
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भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु आते हैं, और ऐसी घटनाओं से यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि यात्रियों के अनुभव सुरक्षित और आरामदायक हों। इस याचिका से उम्मीद की जा रही है कि सरकार और प्रशासन से त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी, ताकि इस महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं में कोई कमी न आए।