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Union Budget : आइए जानते है कहां से आता है पैसा और कहां जाता है? कैसे कमाती है सरकार और कैसे करती है खर्च

by | Feb 1, 2025 | ट्रेंडिंग, देश, बड़ी खबर, मुख्य खबरें, राजनीति

Union Budget : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट लोकसभा में प्रस्तुत कर रही हैं। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट है, और इस पर पूरे देश की नजरें लगी हुई हैं। बजट के बारे में लोग अक्सर चर्चा करते हैं, लेकिन यह समझना कि बजट में पैसा कहां से आता है और कहां खर्च होता है, थोड़ा जटिल हो सकता है।

इस लेख में हम यह जानेंगे कि सरकार के खजाने में आने वाला हर एक रुपया कहां से आता है और वह किस मद में खर्च होता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में 48.21 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।

इस बजट को आधार बनाकर हम यह समझ सकते हैं कि सरकार के पास आने वाले हर एक रुपये का कितना हिस्सा कहां से आता है।

पिछले बजट के आंकड़ों के अनुसार, सरकार के पास आने वाले हर एक रुपये का 27 पैसा उधारी और अन्य प्रकार की देयताओं (Borrowings & Other Liabilities) के जरिए आता है। उधारी के बाद, सबसे बड़ी राशि आयकर यानी इनकम टैक्स (Income Tax) से आती है, जो एक रुपये का 19 पैसा बनता है। इसके बाद 18 पैसे से अधिक की आमदनी माल व सेवा कर (GST) और अन्य करों की वसूली से होती है। कंपनियों पर लगने वाले टैक्स या निगम कर (Corporation Tax) से एक रुपये में 17 पैसे आते हैं। इसके अलावा, अन्य स्रोतों से (Non-Tax Receipts) सरकार ने एक रुपये का 9 पैसे जुटाए। केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Union Excise Duties) से सरकार के खाते में 5 पैसे और सीमा शुल्क (Customs) से 4 पैसे आए। उधारी के अलावा, पूंजीगत प्राप्ति के तहत (Non-Debt Capital Receipts) सरकार ने एक रुपये का 1 पैसा जुटाया।

वित्त मंत्री के अनुसार  सरकार के पास आने वाले हर एक रुपये का वितरण इस प्रकार हुआ है:

  • 19 पैसे ऋणों की ब्याज अदायगी (Interest Payments) में खर्च होते हैं।
  • 21 पैसे करों और शुल्कों में राज्यों की हिस्सेदारी (States’ share of Taxes and Duties) में जाते हैं।
  • 16 पैसे केंद्रीय योजनाओं (Central Sector Schemes) पर खर्च होते हैं, जिसमें रक्षा और आर्थिक सहायता को छोड़कर बाकी सभी मद शामिल हैं।
  • 8 पैसे केंद्र प्रायोजित योजनाओं (Centrally Sponsored Schemes) पर खर्च होते हैं।
  • 8 पैसे रक्षा क्षेत्र (Defence) पर खर्च किए जाते हैं।
  • 8 पैसे वित्त आयोग और अन्य मदों (Central Sector Schemes) में खर्च होते हैं।
  • 6 पैसे आर्थिक सहायता (Subsidies) पर खर्च होते हैं।
  • पेंशन मद (Pensions) में सरकार के द्वारा एक रुपये का 4 पैसे खर्च किए जाते हैं।
  • अन्य मदों (Other Expenditure) में सरकार एक रुपये का 9 पैसे खर्च करती है।

बजट 2024 के अनुसार, सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों को इस प्रकार वित्तीय सहायता दी थी:

  • रक्षा मंत्रालय: 4,54,773 करोड़
  • ग्रामीण विकास: 2,65,808 करोड़
  • कृषि: 1,51,851 करोड़
  • गृह मंत्रालय: 1,50,983 करोड़
  • शिक्षा: 1,25,638 करोड़
  • आईटी व दूरसंचार: 1,16,342 करोड़
  • स्वास्थ्य: 89,287 करोड़
  • ऊर्जा: 68,769 करोड़
  • समाज कल्याण: 56,501 करोड़
  • वाणिज्य उद्योग: 47,559 करोड़

इस तरह सरकार का बजट विभिन्न क्षेत्रों में वितरित किया जाता है, ताकि देश के हर क्षेत्र को विकास की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। बजट का यह आकलन हमें यह समझने में मदद करता है कि हर एक रुपये का वितरण कैसे होता है और किस मद में खर्च होता है।

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