Kuldeep Sengar Bail : 2017 में उन्नाव की एक नाबालिग लड़की ने कुलदीप सिंह सेंगर पर अपहरण और दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केस को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। 2019 में दिल्ली की एक अदालत ने सेंगर को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अदालत ने सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
जमानत पर उठ रहे सवाल
कुलदीप सिंह सेंगर को मिली अंतरिम जमानत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले भी वे कई बार बीमारी और पारिवारिक कारणों का हवाला देकर कोर्ट से राहत मांग चुके हैं। हालांकि अदालत ने हर बार इस पर सख्त रुख अपनाया था।
लंबी कानूनी लड़ाई
पीड़िता और उसके परिवार ने इस मामले में कठिन कानूनी लड़ाई लड़ी है। इस दौरान पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी, जिसमें सेंगर और उसके साथियों की भूमिका पाई गई थी। इसके अलावा 2019 में पीड़िता की गाड़ी को ट्रक से टकराने की साजिश भी रची गई थी, जिसमें उसकी चाची और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
अब आगे क्या?
कोर्ट के आदेश के अनुसार कुलदीप सिंह सेंगर को 4 फरवरी को सर्जरी के लिए अस्पताल जाने की अनुमति दी गई है, लेकिन 5 फरवरी तक उन्हें फिर से जेल में लौटना होगा। अब देखना होगा कि क्या वह समय पर आत्मसमर्पण करते हैं या फिर कोई नई कानूनी चाल चली जाती है?