Delhi Assembly Election : दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को भारी हार का सामना करना पड़ा है, जो एक बड़ा उलटफेर है। पिछले दो चुनावों में जहां AAP ने जबरदस्त जीत हासिल की थी, वहीं इस बार पार्टी को करारी शिकस्त मिली है। चुनावी परिणाम ने यह साफ कर दिया है कि दिल्ली की जनता ने अपना समर्थन भाजपा के पक्ष में दिया है।
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी को पिछली बार की तरह कोई तगड़ा प्रतिरोध नहीं मिला था, लेकिन इस बार भाजपा ने अपनी ताकत से दिल्ली की सत्ता पर कब्जा जमा लिया। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने चुनाव में कई अहम मुद्दों पर ध्यान दिया था जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी, लेकिन इस बार उन्हें जनता के निर्णय को स्वीकार करना पड़ा।
अरविंद केजरीवाल ने हार के बाद कहा
AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हार के बाद एक शालीन बयान देते हुए कहा, हम जनता के फैसले को विनम्रता से स्वीकार करते हैं। मैं भाजपा को इस जीत के लिए बधाई देता हूं। मुझे उम्मीद है कि वे उन उम्मीदों पर खरे उतरेंगे, जिसके साथ लोगों ने उन्हें बहुमत दिया है। उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने पिछले 10 वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के क्षेत्रों में काम किया है और अब वे रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। केजरीवाल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी जनता की सेवा करती रहेगी और उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को शानदार चुनाव लड़ने के लिए बधाई दी।
इसके साथ ही इस चुनाव ने अरविंद केजरीवाल को व्यक्तिगत तौर पर भी एक करारा झटका दिया है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में जब उन्होंने शीला दीक्षित को 25,864 मतों के अंतर से हराया था, तो यह उनके राजनीतिक करियर की एक अहम जीत थी। लेकिन इस बार भाजपा के प्रत्याशी प्रवेश सिंह ने उन्हें मात्र 4,000 वोटों के अंतर से हराया है, जिससे केजरीवाल के लिए यह व्यक्तिगत हार भी एक बड़ा धक्का साबित हुआ है।