Milkipur By Election Result : अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शानदार जीत हासिल की है। बीजेपी के उम्मीदवार चंद्रभानु पासवान ने समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार अजीत प्रसाद को 60 हजार से अधिक वोटों के अंतर से मात दी और अपनी पार्टी के लिए यह सीट जीतने में सफलता पाई। इस जीत को बीजेपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसे लोकसभा चुनाव में अयोध्या में मिली हार का बदला माना जा रहा है।
मिल्कीपुर में बीजेपी की जीत का इतिहास
उत्तर प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर सीट से अवधेश प्रसाद को टिकट दिया था, जिन्होंने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने अवधेश प्रसाद को अयोध्या की सीट से उम्मीदवार बनाया, जिसके बाद यह विधानसभा सीट खाली हो गई थी।
अब इस उपचुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली है। चंद्रभानु पासवान को 146,397 वोट मिले, जबकि सपा के अजीत प्रसाद को 84,687 वोटों पर संतोष करना पड़ा। इस प्रकार हार और जीत के बीच 61,710 वोटों का अंतर रहा। इस प्रकार बीजेपी के लिए यह एक बड़ी राजनीतिक जीत मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेहनत का असर
बीजेपी की जीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी बड़ा योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी और अंतत: उनकी मेहनत रंग लाई।
अवधेश प्रसाद का प्रभाव न दिखा
समाजवादी पार्टी ने इस उपचुनाव में अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा था, जो कि अवधेश प्रसाद के बेटे हैं। अवधेश प्रसाद को लोकसभा चुनाव में अयोध्या से जीत मिली थी और वे सपा के प्रमुख चेहरों में से एक बन गए थे। उनकी सफलता को देखते हुए सपा ने उनके बेटे अजीत प्रसाद को इस सीट पर उम्मीदवार बनाया था, लेकिन यहां उनका जादू नहीं चला।
सपा की ओर से बीजेपी पर आरोप
वोटिंग के दौरान और उसके बाद समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां तक कह दिया था कि देश में चुनाव आयोग खत्म हो चुका है। हालांकि बीजेपी ने सपा के आरोपों को नकारते हुए इसे महज एक राजनीतिक नाटक करार दिया। बीजेपी का कहना था कि अखिलेश यादव को हार का आभास हो गया था, इसलिए वे इस तरह की बयानबाजी कर रहे थे।