Prayagraj News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रामनवमी के दिन महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा है कि उन्होंने सालार मसूद गाजी की दरगाह पर भगवा झंडा फहराया। हालांकि, पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही कार्यकर्ता वहां से भाग निकले। अब इस घटना पर सियासी बवाल मच गया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया (Akhilesh Yadav) और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए इस मुद्दे को उठाया है।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस तरह की घटनाएं करवाकर मुख्य मुद्दों से ध्यान भटका रही है। उन्होंने कहा, “झंडा फहराने वाला व्यक्ति मुख्यमंत्री की जाति से जुड़ा हुआ है, इसलिए सरकार, पुलिस, एसपी, कमिश्नर कोई कुछ नहीं बोलेगा। मुख्यमंत्री के इशारे पर सब कुछ हो रहा है। सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है।”
क्या था पूरा मामला?
रामनवमी के दिन कुछ युवक गाजी मियां की दरगाह पर पहुंचे और वहां धार्मिक नारे लगाते हुए दरगाह के गेट पर चढ़कर भगवा झंडा फहराया। यह घटना प्रयागराज से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित गाजी मियां की दरगाह पर हुई। इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत तुरंत पुलिस से की गई। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच से जुड़े कार्यकर्ता वहां से गायब हो चुके थे।
बताया जा रहा है कि इन कार्यकर्ताओं ने दरगाह को हटाने के लिए प्रदर्शन किया और “जय श्री राम” के नारे लगाए। उनके इस कदम से स्थानीय लोगों में डर और असमंजस का माहौल बन गया।
पुलिस की कार्रवाई
इस मामले को लेकर डीसीपी कुलदीप गुनावत ने कहा कि घटना का वीडियो जांच के लिए लिया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस घटना से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस अब मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश में है।
दरगाह में होती है मां शीतला की पूजा
गाजी मियां की दरगाह के बारे में जानकारी मिली है कि यहां पर मां शीतला की भी पूजा की जाती है, जिसके कारण काफी संख्या में हिंदू भी इस दरगाह में पूजा करने आते हैं। दरगाह से जुड़े लोगों ने बताया कि यह जगह धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और यहां पर विभिन्न धर्मों के लोग आते-जाते रहते हैं।
सुरक्षा व्यवस्था
इस विवाद के बाद दरगाह के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि किसी भी तरह का माहौल खराब न हो और स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। पुलिस प्रशासन ने संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों को तैनात किया है।
सियासी बवाल
इस घटना ने राज्य की सियासत को और भी गरमा दिया है। समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बयान के बाद यह मामला अब सियासी रंग लेने लगा है और इस पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।