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UP IAS Transfer : योगी सरकार ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 33 IAS अधिकारियों का हुआ तबादला, इस अधिकारी का ट्रांसफर बना चर्चा का विषय

by | Apr 22, 2025 | अपना यूपी, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

UP IAS Transfer : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने देर रात बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 33 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। लेकिन इस सूची में सबसे ज्यादा चर्चा में रहे IAS शिशिर, जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बेहद करीबी अफसर माना जाता था। शिशिर से सूचना विभाग की जिम्मेदारी छीन ली गई है और उन्हें एमएसएमई व निर्यात प्रोत्साहन विभाग का विशेष सचिव बना दिया गया है। इस बदलाव को लेकर लखनऊ के सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।

बलिया जिले के मूल निवासी शिशिर 2019 बैच के प्रमोटी आईएएस अधिकारी हैं। 28 मई 2017 को उन्हें भाषा विभाग का विशेष सचिव और हिंदी संस्थान-संस्कृति-सूचना विभाग का निदेशक बनाया गया था। 2019 में वह सूचना विभाग के निदेशक बने और तब से लेकर अब तक यानी करीब 7 वर्षों तक इस अहम पद पर तैनात रहे। उनकी सेवानिवृत्ति वर्ष 2027 में होनी है।

हाल ही में योगी सरकार के प्रभावशाली मंत्री आशीष पटेल ने शिशिर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने अपने विभाग में हुई कथित भर्तियों में भ्रष्टाचार के मामले में IAS शिशिर पर साजिश रचने का आरोप लगाया था। आशीष पटेल, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं और बीजेपी की सहयोगी पार्टी ‘अपना दल (एस)’ के वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक शिशिर के खिलाफ शिकायतें की थीं और X (पूर्व ट्विटर) पर भी खुलकर हमला बोला था।

प्राविधिक शिक्षा विभाग में हुई नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप सपा विधायक पल्लवी पटेल ने लगाया था। लेकिन आशीष पटेल का कहना था कि इसके पीछे असली साजिशकर्ता सूचना विभाग के अफसर हैं, जिनमें शिशिर का नाम प्रमुखता से सामने आया। आशीष पटेल ने दावा किया कि सूचना विभाग के जरिए उनके खिलाफ झूठी खबरें चलवाई गईं और बजट का दुरुपयोग हुआ।

सूचना विभाग में सात साल तक लगातार एक ही पद पर बने रहना भी शिशिर के तबादले की एक बड़ी वजह बताया जा रहा है। ब्यूरोक्रेसी के भीतर यह असंतोष लगातार पनप रहा था कि एक ही अफसर लंबे समय तक क्यों टिके हुए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उन पर विश्वास इस दौरान बना रहा, क्योंकि सूचना विभाग सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय के अधीन है।

बताया जाता है कि पिछले सात वर्षों में सूचना विभाग यूपी सरकार का सबसे ताकतवर विभाग बन गया था। हजारों करोड़ रुपये प्रचार और मीडिया मैनेजमेंट पर खर्च किए गए। इस पर विपक्ष ही नहीं, सरकार के भीतर से भी सवाल उठते रहे हैं। खुद मंत्री आशीष पटेल ने यह आरोप लगाया था कि सूचना विभाग के बजट से उनके खिलाफ मीडिया कैंपेन चलवाया गया।

जब 33 अफसरों की तबादला सूची आई, तो सबकी निगाह 26वें नंबर पर ठहर गई, जहां IAS शिशिर का नाम था। लखनऊ से दिल्ली तक सियासी गलियारों में हलचल मच गई कि आखिर मुख्यमंत्री योगी ने अपने सबसे भरोसेमंद अफसर को साइडलाइन क्यों किया? कुछ लोग इसे आशीष पटेल के विरोध का असर मानते हैं, तो कुछ इसे लंबे समय तक एक ही पद पर रहने का परिणाम बता रहे हैं।

दीनदयाल उपाध्याय सूचना परिसर से IAS शिशिर की विदाई के साथ ही ये सवाल गूंज रहा है कि तबादला क्यों हुआ — वजह सियासत थी, सिस्टम की असहजता या कोई रणनीतिक बदलाव? जवाब अभी स्पष्ट नहीं, लेकिन शिशिर की विदाई ने जरूर यूपी की ब्यूरोक्रेसी में हलचल मचा दी है।

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