Delhi : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने सामूहिक रूप से ‘बंद’ का आह्वान किया है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) की अगुवाई में यह बंद शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राजधानी के 100 से अधिक प्रमुख बाजारों के शामिल होने की संभावना है।
इस आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें एक विदेशी नागरिक और जम्मू-कश्मीर का एक निवासी भी शामिल है। इसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक हमला माना जा रहा है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
व्यापारियों का कैंडल मार्च और विरोध प्रदर्शन
गुरुवार को सीटीआई और अन्य व्यापारिक संगठनों के सदस्यों ने दिल्ली (Delhi) के विभिन्न हिस्सों में कैंडल मार्च निकालकर इस नृशंस हमले के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। खान मार्केट, कॉनॉट प्लेस, कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, सदर बाजार, चावड़ी बाजार, भागीरथ प्लेस, राजौरी गार्डन और सरोजिनी नगर जैसे प्रमुख बाजारों में व्यापारी काली पट्टी बांधकर सड़क पर उतरे और एक मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
सीटीआई के उपाध्यक्ष राहुल अदलखा ने बताया व्यापारियों में इस हमले को लेकर गहरा आक्रोश है। खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन ने गुरुवार शाम 7:30 बजे से दुकानें बंद कर दीं और बड़ी संख्या में व्यापारी कैंडल मार्च में शामिल हुए।
बंद में शामिल होंगे ये प्रमुख बाजार
शुक्रवार को जिन बाजारों में बंद रहने की संभावना है, उनमें सदर बाजार, भागीरथ प्लेस, गांधीनगर, नया बाजार, खारी बावली, चावड़ी बाजार, हिंदुस्तान मर्केंटाइल (चांदनी चौक), जामा मस्जिद और हौज काजी प्रमुख हैं। कपड़ा, मसाला, बर्तन और सर्राफा जैसे क्षेत्रों से जुड़े व्यापार संघों ने भी बंद का समर्थन किया है।
सीटीआई का शांतिपूर्ण बंद का आह्वान
सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा पूरे व्यापारी समुदाय में इस हमले को लेकर गहरा दुख और गुस्सा है। हम एकजुट होकर इस निंदनीय कृत्य का विरोध कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य देश के साथ खड़ा रहना है, और यह बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा। उन्होंने व्यापारिक समुदाय से आग्रह किया कि वे बंद का पालन शांतिपूर्ण ढंग से करें और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दें।
राष्ट्रव्यापी समर्थन
दिल्ली (Delhi) ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में भी इस हमले के खिलाफ रोष देखा जा रहा है। राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर विरोध जताया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है।