Delhi Bulldozer Action: दिल्ली में चल रही डिमोलिशन कार्रवाई को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने एक बार फिर विरोध दर्ज कराने की तैयारी कर ली है। AIMIM दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शोएब जमई ने आज (26 जून) इस संबंध में जानकारी दी है।
डॉ. जमई ने बताया कि कल यानी शुक्रवार, 27 जून को AIMIM दिल्ली का एक विशेष प्रतिनिधिमंडल दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात करेगा। यह बैठक शाम 4 बजे निर्धारित की गई है, जिसमें विशेष रूप से बटला हाउस इलाके के उन लोगों का प्रतिनिधित्व किया जाएगा, जो हालिया डिमोलिशन कार्रवाई से प्रभावित हुए हैं। प्रतिनिधिमंडल इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपेगा, जिसमें चल रही डिमोलिशन प्रक्रिया पर आपत्ति जताई जाएगी।
डॉ. शोएब जमई पहले से ही कर रहे हैं विरोध
इस मुद्दे पर डॉ. शोएब जमई शुरू से ही मुखर रहे हैं। उन्होंने पहले भी सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर डिमोलिशन कार्रवाई की आलोचना की है। उनका कहना है, “दिल्ली में हर तरफ बुलडोजर का एक्शन चल रहा है। गरीबों का आशियाना हर रोज उजाड़ा जा रहा है। 30-40 साल से दिल्ली में रह रहे परिवार भी सुरक्षित नहीं हैं।”
डॉ. जमई के अनुसार यह कार्रवाई न केवल मानवीय दृष्टिकोण से अनुचित है, बल्कि इससे समाज में असंतुलन भी पैदा हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए किसी का भी घर न तोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की प्रतिक्रिया
वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहले ही डिमोलिशन कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुकी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई कोर्ट के निर्देशों के तहत की जा रही है। उनके अनुसार, “माननीय कोर्ट ने आदेश दिया था कि बरसात से पहले नालों और जलभराव वाले क्षेत्रों के आसपास के अवैध निर्माण को हटाया जाए, ताकि जल निकासी में कोई बाधा न आए।”
सरकार का दावा है कि यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जिससे बाढ़ और जलभराव जैसी समस्याओं से निपटा जा सके।
AIMIM की आपत्ति
AIMIM का कहना है कि इस कार्रवाई में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को अनुचित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। पार्टी का यह भी आरोप है कि बिना किसी पुनर्वास योजना या वैकल्पिक व्यवस्था के लोगों के घरों को तोड़ना सीधे तौर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन है। AIMIM मांग कर रही है कि सरकार इस प्रक्रिया को रोकते हुए प्रभावित लोगों को न्याय दे।
अब देखना यह है कि कल मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में AIMIM का प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को किस तरह से सामने रखता है और सरकार की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया दी जाती है।
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