Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा के दौरान एक बड़ा हादसा सामने आया है। रामबन जिले के चंदरकोट लंगर के पास श्रद्धालुओं को लेकर जा रहे काफिले की चार बसें आपस में टकरा गईं। हादसे में करीब 36 श्रद्धालु घायल हो गए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक बस के ब्रेक फेल हो जाने के कारण ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा, जिससे पीछे आ रही तीन बसें भी आपस में भिड़ गईं।
घटना की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं और घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल, रामबन ले जाया गया। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी यात्रियों को दूसरी गाड़ियों की व्यवस्था करके पहलगाम के लिए रवाना किया गया।
भारी बारिश के बीच 6,900 श्रद्धालु रवाना
हादसे से पहले शनिवार सुबह भारी बारिश के बावजूद अमरनाथ यात्रा के लिए 6,900 श्रद्धालुओं का नया जत्था जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से रवाना हुआ। इसमें 5,196 पुरुष, 1,427 महिलाएं, 24 बच्चे, 331 साधु-साध्वी और एक ट्रांसजेंडर शामिल हैं। यह जत्था भी पहलगाम और बालटाल रूट से अमरनाथ गुफा की ओर बढ़ा।
अब तक 30,000 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
3 जुलाई से शुरू हुई 38 दिन की यह यात्रा रक्षाबंधन के दिन यानी 9 अगस्त को समाप्त होगी। यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार शाम तक ही 26,000 से अधिक श्रद्धालु हिम शिवलिंग के दर्शन कर चुके थे। यह संख्या अब बढ़कर 30,000 हो गई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार सुरक्षा और व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया गया है।
यात्रा के दौरान यूपी के श्रद्धालु की मौत
यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी निवासी दिलीप श्रीवास्तव की शेषनाग बेस कैंप में अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
वहीं अनंतनाग जिले में अमरनाथ यात्रा ड्यूटी पर तैनात पुलिस कांस्टेबल शब्बीर अहमद अपनी सर्विस राइफल से गलती से घायल हो गए। उन्हें तुरंत पहलगाम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा में 581 सुरक्षा कंपनियां तैनात
अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इस बार सुरक्षा के लिए 581 कंपनियों को तैनात किया गया है, जिनमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और सीआईएसएफ के जवान शामिल हैं। बालटाल से लेकर पवित्र गुफा तक हर 50 मीटर पर एक जवान तैनात है।
मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए हर दो किलोमीटर पर मेडिकल कैंप लगाए गए हैं और चार स्टैंड बनाए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए पैदल, घोड़े और पालकी वालों के लिए अलग-अलग रूट तैयार किए गए हैं।
रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था और अब तक का आंकड़ा
अब तक 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में रजिस्ट्रेशन सेंटर खोले गए हैं, जहां प्रतिदिन लगभग 2000 यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
कौन सा रास्ता बेहतर?
यात्रियों के लिए दो मुख्य रूट हैं — बालटाल और पहलगाम।
- बालटाल रूट कम समय में दर्शन करने वालों के लिए उपयुक्त है। यह केवल 14 किमी लंबा है, लेकिन इसमें खड़ी चढ़ाई और खतरनाक मोड़ हैं। बुजुर्ग और कमजोर यात्री इस रूट पर सावधानी बरतें।
- पहलगाम रूट प्राकृतिक सौंदर्य के लिहाज से बेहतर है। यहां चढ़ाई आसान है, लेकिन रास्ता लंबा (48 किमी) और कई जगहों पर संकरा तथा जर्जर है। गुफा से पंचतरणी, शेषनाग, पिस्सू टॉप और चंदनवाड़ी होते हुए यह यात्रा तीन दिन में पूरी होती है।
यात्रा में किन बातों का रखें ध्यान
- मेडिकल फिटनेस जरूरी है — हर दिन 4-5 किमी पैदल चलने की प्रैक्टिस करें
- प्राणायाम और सांस संबंधी योग जरूर करें
- जरूरी दस्तावेज साथ रखें — आधार कार्ड, RFID कार्ड, मेडिकल सर्टिफिकेट, पासपोर्ट साइज फोटो, यात्रा फॉर्म
- अपने साथ ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी की बोतल और जरूरी दवाएं जरूर रखें
यात्रियों के अनुभव
मुंबई से आए श्रद्धालु प्रसाद ठाकुर ने बताया कि जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं था, उनका भी तुरंत हो गया। उन्होंने कहा कि दर्शन और व्यवस्था में कोई परेशानी नहीं आई। खाने-पीने से लेकर शौचालय और रहने तक सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं।
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