Pakistan News: पाकिस्तानी फिल्म और टेलीविजन अभिनेत्री हुमैरा असघर अली की लाश इस सप्ताह उनके कराची स्थित फ्लैट से बरामद की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि उनकी मृत्यु लगभग 9 महीने पहले ही हो चुकी थी, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब मकान मालिक ने किराया न मिलने की शिकायत दर्ज कराई, तब पुलिस ने फ्लैट का दरवाज़ा तोड़ा और अंदर एक अत्यधिक सड़ी-गली हालत में पड़ी लाश पाई।
जब जांच अधिकारियों ने घर का मुआयना किया, तो वहाँ बिजली कटी हुई थी, रसोई में रखा खाना सड़ चुका था, और पानी के पाइप जंग खा चुके थे। यह सारे संकेत इस ओर इशारा कर रहे थे कि वह महीनों से अकेली और बेसहारा स्थिति में रह रही थीं। मकान में कोई वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत या मोमबत्ती भी नहीं थी। घर की हालत किसी रुकी हुई घड़ी जैसी लग रही थी, जहाँ समय थम गया था और जीवन जैसे पीछे छूट गया हो।
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस को शक है कि अक्टूबर 2024 में उनकी मृत्यु हो गई थी, क्योंकि उन्हीं दिनों में बिजली काटी गई थी और फोन रिकॉर्ड्स से भी आखिरी कॉल अक्टूबर में ही हुई थी।
यह और भी चौंकाने वाली बात थी कि किसी पड़ोसी को उनकी अनुपस्थिति का अहसास नहीं हुआ। बताया गया कि जिस मंज़िल पर वह रहती थीं, वहाँ अन्य कोई निवासी नहीं था। बालकनी का एक दरवाज़ा खुला था, लेकिन समय के साथ शव की गंध भी खत्म हो चुकी थी, जिससे किसी को शक नहीं हुआ। जब कुछ लोग फरवरी में वापस लौटे, तब तक सब कुछ सामान्य प्रतीत हो रहा था।
खड़े हो गए कई सवाल
पुलिस सर्जन डॉ. सुमैया सैयद द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में स्पष्ट हुआ कि शव बेहद गलन की स्थिति में था, जिससे मृत्यु की तारीख का निर्धारण कठिन था। हालांकि बाद में फोन कॉल रिकॉर्ड, घर की स्थिति, और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच के बाद माना गया कि अभिनेत्री की मौत अक्टूबर 2024 में ही हो गई थी। उनकी आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट सितंबर 2024 की थी।
शुरुआत में यह खबर सामने आई थी कि हुमैरा के परिवार ने उनके शव को लेने से इनकार कर दिया, जिसने सोशल मीडिया पर लोगों की भावनाओं को झकझोर दिया और कई सवाल खड़े कर दिए। लेकिन जैसे ही सच्चाई सामने आई, तस्वीर बदल गई। उनके भाई नवीद असघर कराची पहुँचे, जहां उन्होंने सभी कानूनी औपचारिकताएँ पूरी कीं और बहन के पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक विदा किया। उन्होंने बताया कि हुमैरा लगभग सात साल पहले लाहौर छोड़कर कराची में अपने सपनों की तलाश में आई थीं, लेकिन वक्त के साथ वो परिवार से दूर होती चली गईं। नवीद की आवाज़ भर आई जब उन्होंने कहा, “अब्बा हमेशा कहते थे कि अगर कभी कोई अनहोनी हो जाए, तो उसे वहीं दफना देना… शायद उन्हें पहले ही आभास था कि वो इस दुनिया से भी चुपचाप ही जाएंगी।”
नवीद ने यह भी सवाल उठाया कि क्या मकान मालिक से कोई पूछताछ की गई। उन्होंने कहा, “जो कुछ मकान मालिक के साथ हुआ, क्या किसी ने उससे बात की?” इससे कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया कि अकेले रहने वाले किरायेदारों की ज़िम्मेदारी समाज की भी है।
हुमैरा असघर कौन थीं?
लाहौर की रहने वाली हुमैरा असघर अली ने 2015 में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने जस्ट मैरिड, एहसान फरामोश, गुरु और चल दिल मेरे जैसे धारावाहिकों में सहायक भूमिकाएँ निभाईं। फिल्मों में उन्होंने जलैबी (2015) और लव वैक्सीन (2021) जैसी फिल्मों में काम किया। उन्हें असली पहचान मिली ARY डिजिटल के रियलिटी शो ‘तमाशा घर’ (2022) से। इसके बाद 2023 में उन्हें नेशनल वीमेन लीडरशिप अवॉर्ड में ‘बेस्ट इमर्जिंग टैलेंट एंड राइजिंग स्टार’ का सम्मान भी मिला।
एक अकेली मौत, कई सवाल
हुमैरा की मौत सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह आज के समाज में शहरी अकेलेपन, मानसिक स्वास्थ्य, और खामोशी से जूझती हस्तियों की एक भयावह सच्चाई को उजागर करती है। शोहरत के पीछे छुपा अकेलापन, और सामाजिक दूरी ने इस कलाकार की ज़िंदगी चुपचाप निगल ली। आज जब उनकी मौत की खबर सामने आई है, तो सवाल यह नहीं है कि वह कैसे मरीं बल्कि यह है कि कोई 9 महीने तक उन्हें याद क्यों नहीं कर सका?
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित
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