Baliya News: उत्तर प्रदेश में 18 से 20 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे अब केवल एक जुमला साबित होते नज़र आ रहे हैं। प्रदेश के कई जिलों में 18 घंटे तो दूर, 12 घंटे तक बिजली मिलना भी मुश्किल हो गया है। जहां बिजली आती भी है, वहां वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। दूसरी तरफ, बिजली विभाग की चेकिंग टीम जरूर समय से पहुंच जाती है। इसी कड़ी में बलिया जिले से एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें जिला अस्पताल में बिजली न होने के कारण इमरजेंसी वॉर्ड में टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
सरकार की विकास योजनाओं पर उठाए सवाल
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि डॉक्टर एक मरीज का उपचार टॉर्च की रोशनी में कर रहे हैं, वहीं दूसरे वीडियो में आपात चिकित्सा कक्ष में मरीज बिजली न होने की वजह से बेहाल हैं। एक युवक वीडियो में भोजपुरी में सरकार की विकास योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहता है, “ये विकास है सरकार का! अस्पताल में न दवा है, न बिजली। ये बागी बलिया का विकास है। देख लीजिए एक घंटे से लाइट कटा है, मरीज मर रहे हैं और कहने के लिए तो बड़े-बड़े मंत्री बने बैठे हैं लेकिन बलिया के लिए कुछ नहीं किया।”
वहीं, वायरल वीडियो के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सफाई देने में जुट गए हैं। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. एस.के. यादव ने रविवार को बयान जारी करते हुए बताया कि शुक्रवार शाम को अचानक तकनीकी गड़बड़ी के कारण जिला अस्पताल क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी। इसके साथ ही अस्पताल के जेनरेटर में भी तकनीकी खराबी आ गई, जिस कारण करीब 45 मिनट तक बिजली की सप्लाई पूरी तरह ठप रही।
तड़पते रहे मरीज
सीएमएस ने यह भी बताया कि अब इमरजेंसी वॉर्ड में पर्याप्त संख्या में इनवर्टर लगाए गए हैं और व्यवस्था को सुधार लिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति फिर उत्पन्न न हो।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “बलिया के जिला अस्पताल में मिलने वाली विश्व स्तरीय सुविधाएं देखिए! बिजली जाने के बाद इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज तड़पते रहे। बैकअप में जो जनरेटर था, वो भी नहीं चालू हुआ। शायद हमेशा की तरह उसमें तेल नहीं होगा। सच तो ये है कि भाजपा सरकार के पास स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने की न कोई नीति है और न ही नीयत!”
यह घटना न केवल सरकारी दावों की पोल खोलती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ज़मीनी हकीकत क्या है। जहां एक ओर सरकार 24 घंटे बिजली देने का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर अस्पताल जैसे महत्वपूर्ण संस्थान भी अंधेरे में इलाज करने को मजबूर हैं।
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