Noida News: नोएडा से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने हर किसी की इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक डे-केयर सेंटर में महज 15 महीने की मासूम बच्ची के साथ बर्बरता की गई। आरोप है कि सेंटर की एक महिला स्टाफ ने बच्ची को बेरहमी से पीटा, काटा और उसे जमीन पर पटक दिया। यह पूरी घटना CCTV कैमरे में कैद हो गई, जो सामने आते ही पूरे इलाके में गुस्से की लहर दौड़ा गई।
CCTV फुटेज में दिखी हैवानियत
CCTV फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि महिला स्टाफ बच्ची को पहले गोद में लेती है, लेकिन कुछ ही पलों में वह अचानक हिंसक हो जाती है। वीडियो में महिला उसे जोर से काटती है, थप्पड़ मारती है और फिर जमीन पर पटक देती है। बच्ची दर्द और डर के मारे जोर-जोर से रोने लगती है, लेकिन आरोपी महिला उसे धमकाती और डराती रहती है। वीडियो वायरल होते ही लोगों में गहरा आक्रोश व्याप्त हो गया है और हर कोई यह सोच रहा है कि कोई मासूम बच्ची के साथ इतनी बेरहमी कैसे कर सकता है।
माता-पिता का गुस्सा
घटना के वक्त मासूम बच्ची के माता-पिता काम पर थे। जब डे-केयर से फोन आया कि बच्ची घायल हो गई है, तो वे तुरंत सेंटर पहुंचे। बाद में जब उन्होंने CCTV फुटेज देखा, तो उनकी सारी कल्पनाएं टूट गईं। उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
नोएडा पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आरोपी महिला को हिरासत में ले लिया है और उसके खिलाफ बाल संरक्षण कानून समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर रही है। साथ ही, डे-केयर संचालक से भी पूछताछ की जा रही है कि क्या सेंटर में पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं और क्या प्रबंधन ने कभी इस पर ध्यान दिया था।
मेडिकल जांच में पता चला है कि बच्ची सुरक्षित है, लेकिन उसके शरीर पर चोट के निशान स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि शारीरिक चोटों के अलावा बच्ची को मानसिक सदमा भी पहुंचा है, जिसके लिए विशेष देखभाल और समय की आवश्यकता होगी।
सोशल मीडिया में आक्रोश
यह घटना सामने आने के बाद स्थानीय लोग और सोशल मीडिया यूजर्स भारी आक्रोशित हैं। लोग आरोपी महिला के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में कोई भी मासूम ऐसी क्रूरता का शिकार न बने। इसके साथ ही, कई लोगों का यह भी कहना है कि केवल आरोपी महिला ही नहीं, बल्कि डे-केयर सेंटर की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए क्योंकि बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रबंधन की होती है।
यह मामला एक बार फिर से सवाल खड़ा करता है कि डे-केयर जैसे संवेदनशील स्थानों पर बच्चों की सुरक्षा के लिए कितनी कड़ी निगरानी और सख्त नियम बनाए जा रहे हैं। इस घटना ने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत कानून और प्रभावी कार्यवाही की जरूरत को और भी जरूरी बना दिया है।
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित