Rahul Gandhi: देश भर में कथित ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने चुनाव आयोग की उस मांग को ठुकरा दिया है, जिसमें उनसे आरोपों के समर्थन में शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा गया था। राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कहा “मैं शपथ पर हस्ताक्षर क्यों करूं? ये उनका डेटा है, मेरा नहीं। उन्हें इसे अपनी वेबसाइट से लेना चाहिए। वे बस ध्यान भटका रहे हैं।”
हिरासत में लिए गए सांसद
सोमवार को INDIA गठबंधन के करीब 300 सांसदों ने कथित वोटर डेटा चोरी और धांधली के विरोध में संसद भवन से चुनाव आयोग तक मार्च निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया और हिरासत में ले लिया।
राहुल गांधी का तीखा हमला
राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए चुनाव आयोग और सरकार दोनों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा,“यह सिर्फ बंगलूरू की बात नहीं है। ऐसा कई निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ है। आज चुनाव आयोग कुछ छिपाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन एक दिन सब सामने आ जाएगा।”
“भारत के लोकतंत्र की हालत देखिए। 300 सांसद मिलकर एक दस्तावेज चुनाव आयोग को देना चाहते थे, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं दी गई। वे डरे हुए हैं। अगर सच्चाई सामने आ गई तो क्या होगा? ये लड़ाई अब राजनीतिक नहीं रही, यह संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार की लड़ाई है।”
राहुल ने यह भी दावा किया कि कर्नाटक में वोट की लूट का साफ उदाहरण मिला है, जहाँ एक ही व्यक्ति के कई वोट पाए गए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के लिए अब इस सच्चाई को छुपाना मुश्किल हो जाएगा।
केसी वेणुगोपाल बोले – 30 सेकंड भी मार्च नहीं करने दिया
कांग्रेस महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल ने विरोध प्रदर्शन को रोकने पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा “सरकार और पुलिस हमें 30 सेकंड भी मार्च नहीं करने दे रही है। क्या यही लोकतंत्र है? सांसदों को चुनाव आयोग तक जाने की आज़ादी नहीं है। अब वे कह रहे हैं कि सिर्फ 30 सांसद जा सकते हैं। तो कम से कम उन 30 को तो जाने दो!”
रणदीप सुरजेवाला का नारा – “वोट हमारा, छू के देख!”
हिरासत में लिए गए कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा “क्या जेल की सलाखें राहुल गांधी और विपक्ष की आवाज़ को रोक पाएंगी? अब पूरा देश बोल रहा है – ‘वोट हमारा, छू के देख!’ इस देश की जनता ने मोदी सरकार और चुनाव आयोग की साझेदारी को नकार दिया है।”
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
गौरतलब है कि राहुल गांधी द्वारा वोटर डेटा में गड़बड़ी और चुनावी धांधली के आरोप लगाए जाने के बाद, चुनाव आयोग ने उनसे इन दावों पर शपथपत्र दाखिल करने को कहा था। आयोग का कहना था कि अगर आरोप साबित नहीं हुए, तो राहुल को माफी मांगनी होगी। साथ ही आयोग ने कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी थी।
मुद्दा क्या है?
- विपक्ष का आरोप है कि कुछ क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वोटर डेटा चोरी और एक व्यक्ति के नाम पर कई वोट दर्ज किए गए हैं।
- कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में यह गड़बड़ी देखने को मिली है।
- विपक्ष इसे लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ साजिश बता रहा है।
- चुनाव आयोग पर जानबूझकर चुप्पी और निष्क्रियता का आरोप लगाया गया है।
क्या आगे बढ़ेगा विरोध?
इस पूरे घटनाक्रम के बाद INDIA गठबंधन और कांग्रेस इस मुद्दे को और ज़ोर-शोर से उठाने की तैयारी में हैं। वहीं चुनाव आयोग की अगली प्रतिक्रिया और संभावित कानूनी कार्रवाई पर भी सबकी नजरें टिकी हैं।