Maharashtra News: पूरे महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने महायुति सरकार के खिलाफ ज़ोरदार जन आक्रोश आंदोलन छेड़ दिया है। इस आंदोलन का उद्देश्य सरकार में शामिल भ्रष्ट मंत्रियों को हटाने और जनता के मुद्दों को उठाना है। ठाणे रेलवे स्टेशन के पास हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और नेता शामिल हुए।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व सांसद राजन विचारे ने किया, जिसमें थाने जिला प्रमुख केदार दिघे, नरेश मनेरा, और रेखा खोपकर जैसे कई प्रमुख नेता मौजूद थे।
विरोध प्रदर्शन का अनोखा अंदाज़
प्रदर्शन में लोगों ने बेहद प्रतीकात्मक तरीके से सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया:
- आंदोलनकारियों ने “50 खोके एकदम ओके”, “चढ़ी बनियान गैंग”, और “ॐ फट स्वाहा” जैसे नारे लगाए।
- एक नकली बैग में 500 के नोट भरकर लाया गया जो कथित भ्रष्टाचार का प्रतीक था।
- विधानसभा कैंटीन में हुई पिटाई की झांकी पेश कर सरकार की कार्यशैली पर कटाक्ष किया गया।
- प्रदर्शन में स्कूल की छोटी बच्चियों तक को शामिल किया गया, जो विरोध के प्रतीकात्मक संदेश को और भी मजबूत बना गया।
भ्रष्ट मंत्रियों की बर्खास्तगी की मांग
इस आंदोलन की सबसे बड़ी मांग है – महायुति सरकार के मंत्रियों की बर्खास्तगी, जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ऐसे लोग सरकार में बने रहने के लायक नहीं हैं।
उद्धव ठाकरे ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह अब सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई बन गई है।
महायुति में अंदरूनी कलह भी बनी वजह
यह आंदोलन महज भ्रष्टाचार विरोधी नहीं है, बल्कि इसमें महायुति सरकार के अंदरूनी मतभेद भी शामिल हैं:
- बीजेपी, शिंदे गुट और अजित पवार गुट के बीच की खींचतान
- नेताओं के विवादित बयान और आपसी आरोप-प्रत्यारोप
- हालिया घटनाओं ने विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका दिया
सरकार के खिलाफ जनता का असंतोष
हालांकि महायुति सरकार ने हाल में हुए चुनावों में 230 सीटें जीतकर सरकार बनाई, लेकिन जनता के एक बड़े हिस्से और विपक्ष के बीच असंतोष की भावना अब भी बरकरार है।
आंदोलन की प्रमुख बातें:
- जनता की भागीदारी बढ़ी
- सरकार के खिलाफ जनमत बनने लगा
- विपक्ष सरकार को पूरी तरह से घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है