Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने कार्यकाल का अब तक का सबसे लंबा भाषण (103 मिनट) देते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उनका यह संबोधन न केवल समय की दृष्टि से ऐतिहासिक रहा, बल्कि इसमें देश की आर्थिक, सामाजिक और युवा नीति को लेकर कई बड़ी योजनाओं की झलक भी देखने को मिली।
दिवाली पर “डबल गिफ्ट”
प्रधानमंत्री मोदी ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में व्यापक सुधारों का संकेत देते हुए कहा कि इस दिवाली पर देशवासियों को “डबल दिवाली” मनाने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा “इस दिवाली मैं आपके लिए डबल दिवाली मनाने जा रहा हूं। देशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है। आम घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी में भारी कटौती होगी।”
पीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि जीएसटी दरों की समीक्षा अब समय की मांग है, और सरकार एक नई पीढ़ी का जीएसटी सुधार तैयार कर रही है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों पर टैक्स का बोझ कम करना है।
युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ की “विकसित भारत रोजगार योजना”
देश के युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने एक बड़ी योजना की शुरुआत की घोषणा की। “आज से देश के युवाओं के लिए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना 1 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के साथ लागू हो रही है। इस योजना के तहत, प्राइवेट सेक्टर में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को सरकार की ओर से ₹15,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।”
इस योजना का उद्देश्य निजी क्षेत्र में युवाओं की भागीदारी बढ़ाना, रोजगार के अवसर सृजित करना, और आर्थिक रूप से सशक्त भारत की दिशा में आगे बढ़ना है।
प्रधानमंत्री का अब तक का सबसे लंबा भाषण
प्रधानमंत्री मोदी का यह स्वतंत्रता दिवस संबोधन 103 मिनट तक चला, जो कि अब तक का सबसे लंबा भाषण रहा। इससे पहले के वर्षों में उनके भाषणों की अवधि कुछ इस प्रकार रही।
वर्ष | भाषण की अवधि |
2025 | 103 मिनट (अब तक का सबसे लंबा) |
2024 | 98 मिनट |
2023 | 90 मिनट |
2022 | 82 मिनट |
2021 | 88 मिनट |
2017 | 56 मिनट (सबसे छोटा भाषण) |
2014 | 66 मिनट |
इस बार का संबोधन न केवल लंबा था, बल्कि उसमें सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, युवाओं, तकनीक, और भविष्य की नीतियों पर गहन चर्चा की गई।
सुरक्षा को लेकर भी बड़ा ऐलान
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2035 तक देश के सभी सामरिक और नागरिक स्थलों जैसे अस्पताल, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थल आदि को एक तकनीक आधारित राष्ट्रीय सुरक्षा कवच से जोड़ा जाएगा। यह कवच आधुनिक तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और साइबर सुरक्षा पर आधारित होगा।