Delhi News: दिल्ली के राजा गार्डन चौक क्षेत्र में सोमवार दोपहर एक इलेक्ट्रॉनिक्स शॉप में भीषण आग लग गई। इस हादसे में पांच कर्मचारी आग की चपेट में आ गए। इनमें से चार की मौत हो गई, जबकि एक कर्मचारी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। मृतकों की पहचान आयुषी (22), पायल (20), अमनदीप कौर (22) और रवि (28) के रूप में हुई है। घायल कर्मचारी संदीप, जो दुकान में अकाउंटेंट था, जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा है।
पुलिस के अनुसार, यह दुर्घटना दोपहर लगभग 3 बजे हुई। उस समय सभी कर्मचारी दूसरी मंज़िल पर स्थित एक छोटे से ऑफिस में बैठकर लंच कर रहे थे। आग सबसे पहले पहली मंज़िल पर रखे फ्रिज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच लगी, जिससे उठता धुआं तेजी से ऊपर तक फैल गया। चूंकि उस कमरे में न तो खिड़की थी और न ही कोई वेंटिलेशन की व्यवस्था, पूरा कमरा चिमनी की तरह धुएं से भर गया। दम घुटने की वजह से कर्मचारी बेहोश हो गए और बाहर निकलने का कोई रास्ता न मिलने के कारण चार की मौके पर ही मौत हो गई।
दमकल और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया
मोटी नगर थाना पुलिस को दोपहर करीब 3 बजे इस हादसे की सूचना मिली। इसके कुछ ही मिनट बाद, 3:08 बजे दिल्ली फायर सर्विस (DFS) को भी कॉल किया गया। सूचना मिलते ही पांच फायर टेंडर और लगभग 30 दमकलकर्मियों को मौके पर रवाना किया गया। कड़ी मशक्कत के बाद शाम 4:10 बजे आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया।
पुलिस के मुताबिक, सभी कर्मचारियों को किसी तरह बाहर निकालकर पास के अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि, उनमें से चार की जान नहीं बचाई जा सकी। केवल संदीप को जीवित बाहर निकाला गया, लेकिन उसकी हालत अत्यंत नाजुक बनी हुई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हादसे के वक्त सभी कर्मचारी लंच कर रहे थे। जिस कमरे में वे मौजूद थे, वहां न खिड़की थी और न ही वेंटिलेशन की कोई सुविधा। धुआं भरने के कारण सभी का दम घुट गया। घटना की जांच जारी है और आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।”
सुरक्षा इंतज़ामों की पोल खुली
दमकल विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जिस इमारत में हादसा हुआ, वहां न तो कोई आपातकालीन निकास (फायर एग्जिट) था और न ही अग्निशमन उपकरण सक्रिय अवस्था में थे। दूसरी मंज़िल तक जाने वाली सीढ़ियां भी इलेक्ट्रॉनिक सामान से पूरी तरह भरी हुई थीं, जिससे कोई सुरक्षित निकासी का मार्ग उपलब्ध नहीं था।
मृतका अमनदीप कौर के रिश्तेदार सुनील सिंघला ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए बताया कि अमनदीप पिछले साल अक्टूबर से इस दुकान में कैशियर के पद पर कार्यरत थी। उन्होंने कहा, “हादसे के समय अमनदीप अपने चार साथियों के साथ लंच कर रही थी। आग लगते ही सभी ने छत की ओर भागने की कोशिश की, लेकिन वहां कोई रास्ता नहीं मिला। मजबूरन वे वापस लौट आए और धुएं में फंसकर बेहोश हो गए।”
कार्यस्थलों पर सुरक्षा अनिवार्य
यह हादसा एक बार फिर इस अहम सवाल को उठाता है कि क्या हमारे कार्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पर्याप्त सुरक्षा इंतज़ाम मौजूद हैं? विशेषज्ञों का मानना है कि हर ऑफिस और दुकान में फायर एग्जिट होना अनिवार्य है। आपात स्थिति में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए यह बुनियादी आवश्यकता है।
इसके अतिरिक्त, वेंटिलेशन और खुले रास्तों की व्यवस्था भी ज़रूरी है, ताकि धुआं भरने की स्थिति में दम घुटने से जान जाने का खतरा न रहे। सभी कार्यालयों और दुकानों में फायर अलार्म, अग्निशमन यंत्र और स्प्रिंकलर सिस्टम चालू अवस्था में होने चाहिए, और उनका समय-समय पर परीक्षण किया जाना चाहिए।
कर्मचारियों को नियमित रूप से फायर ड्रिल के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए, ताकि आपदा के समय वे घबराने की बजाय व्यवस्थित ढंग से बाहर निकल सकें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सीढ़ियां और कॉरिडोर हमेशा खाली रखे जाएं, ताकि निकासी मार्ग बाधित न हो।
यदि राजा गार्डन स्थित इस इमारत में ऐसे बुनियादी सुरक्षा उपाय मौजूद होते, तो संभवतः चार लोगों की जान बच सकती थी। यह हादसा केवल एक दुखद घटना नहीं है, बल्कि यह चेतावनी भी है कि कार्यस्थलों पर सुरक्षा नियमों की अनदेखी जीवन के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकती है।
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित
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