Army Soldier Assault: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में रविवार (17 अगस्त 2025) को एक सेवारत सेना के जवान के साथ टोल प्लाज़ा कर्मचारियों की गुंडागर्दी सामने आई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही न केवल स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया, बल्कि भारतीय सेना ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
जवान से मारपीट और हंगामा
जानकारी के अनुसार, गोटका गाँव निवासी और वर्तमान में श्रीनगर में तैनात जवान कपिल छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौट रहे थे। वे दिल्ली एयरपोर्ट जा रहे थे कि रास्ते में सरूरपुर क्षेत्र स्थित भुनी टोल प्लाज़ा पर लंबा जाम मिला। कपिल ने टोल कर्मचारियों से रास्ता साफ करने का आग्रह किया, जिस पर विवाद बढ़ गया। देखते ही देखते टोल स्टाफ और कुछ स्थानीय युवकों ने मिलकर कपिल और उनके साथियों पर हमला कर दिया।
पुलिस के अनुसार, जवान को खंभे से बाँधकर पीटा गया। इस घटना का वीडियो वायरल होते ही ग्रामीणों ने सोमवार को टोल प्लाज़ा पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। आक्रोशित लोगों ने नारेबाज़ी करते हुए वाहनों को बिना टोल शुल्क दिए निकलने दिया और टोल कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की मांग उठाई।
CCTV फुटेज से हुई पहचान, छह गिरफ्तार
मेरठ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए CCTV फुटेज के आधार पर छह आरोपियों—सचिन, विजय, अनुज, अंकित, सुरेश राणा और अंकित शर्मा—को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा और उन पर हत्या के प्रयास, डकैती और अवैध जमावड़ा जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
NHAI और सेना का सख्त रुख
घटना की गंभीरता को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सोमवार (18 अगस्त 2025) को टोल संचालक कंपनी एम/एस धरम सिंह पर ₹20 लाख का जुर्माना लगाया। NHAI ने इसे “गंभीर अनुबंध उल्लंघन” करार देते हुए कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने और अनुबंध समाप्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी।
भारतीय सेना ने भी इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया। सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया पर लिखा—“सेवारत सैनिक के साथ हुई घटना की हम कड़ी निंदा करते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस और NHAI से औपचारिक विरोध दर्ज कराया गया है। दोषियों को सख्त सजा दिलाने तक हम इस मामले को तार्किक निष्कर्ष तक ले जाएंगे।”
राजनीतिक रंग और जनता का गुस्सा
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा भड़क उठा। ग्रामीणों के साथ बीजेपी नेता और पूर्व विधायक ठाकुर संगीत सोम भी मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। घटना ने एक बार फिर टोल प्लाज़ा कर्मचारियों की बदसलूकी और अनुशासनहीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह मामला न केवल सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सेवारत सैनिकों के साथ इस तरह की घटनाएँ कितनी गंभीर हो सकती हैं।
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित