UP News: उत्तर प्रदेश की गाजीपुर जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को शनिवार सुबह कासगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि उमर को यह बदलाव सुरक्षा कारणों से किया गया है। उमर को 4 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में बंद हैं।
किस मामले में गिरफ्तार हुए उमर अंसारी?
उमर अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने अपने पिता मुख्तार अंसारी की जब्त की गई संपत्तियों को छुड़ाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए। पुलिस के अनुसार, इन दस्तावेजों में उमर ने अपनी मां अफशां अंसारी के नकली हस्ताक्षर (फर्जी साइन) किए। यही नहीं, मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज इस मामले में अफशां अंसारी पर भी केस चल रहा है। पुलिस ने मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। बताया जाता है कि अफशां पर करीब 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह लंबे समय से फरार चल रही हैं।
अब्बास अंसारी भी कासगंज जेल में
गौरतलब है कि अब उमर अंसारी को उसी जेल में रखा गया है, जहां उनके बड़े भाई अब्बास अंसारी भी बंद हैं। अब्बास पर आरोप है कि उन्होंने साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था। एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में उन्हें दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा और 3 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। हालांकि, हाल ही में हाईकोर्ट ने उन्हें राहत दी है।
मुख्तार अंसारी की मौत और विवाद
माफिया मुख्तार अंसारी, जिनका आपराधिक और राजनीतिक दोनों ही करियर हमेशा विवादों में रहा, की मौत लगभग तीन साल पहले बांदा जेल में हो गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें हार्ट अटैक आया था। जेल प्रशासन का कहना था कि मौत से तीन घंटे पहले ही मुख्तार को मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि, अंसारी परिवार ने उनकी मौत को लेकर गंभीर आरोप लगाए। परिवार का कहना था कि यह मौत साजिश के तहत कराई गई, और इसमें बड़े स्तर पर सत्ताधारी ताकतों की भूमिका हो सकती है।
उमर अंसारी का केस क्यों है अहम?
उमर अंसारी का केस केवल एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि यह मुख्तार अंसारी की जब्त संपत्तियों से जुड़ा है। उत्तर प्रदेश सरकार लगातार मुख्तार अंसारी के माफिया नेटवर्क और उनकी अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में यह केस भी खास माना जा रहा है।उमर पर आरोप है कि उन्होंने संपत्ति छुड़ाने के लिए कोर्ट में फर्जी दस्तावेज पेश किए। अगर आरोप साबित होते हैं तो उनके लिए कानूनी मुश्किलें और गहरा सकती हैं।
उमर अंसारी का कासगंज जेल शिफ्ट होना प्रशासनिक दृष्टि से एक बड़ा कदम है। जहां एक तरफ यह जेल ट्रांसफर सुरक्षा कारणों से जुड़ा बताया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ यह संदेश भी है कि सरकार माफिया नेटवर्क और उनके परिवार पर लगातार निगरानी रखे हुए है। अब देखना होगा कि अदालत में उमर अंसारी के खिलाफ यह केस किस दिशा में जाता है।
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