Ladakh News: लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर माहौल गर्म है। एक तरफ प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है, तो दूसरी तरफ जाने-माने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने सरकार पर खुलकर हमला बोला है।
उन्होंने साफ-साफ कहा – “अगर मुझे गिरफ्तार किया गया, तो सरकार को मेरी आज़ादी से ज़्यादा मेरी गिरफ्तारी से दिक्कत होगी।” सरकार ने वांगचुक को बताया जिम्मेदार, उन्होंने कहा – “बलि का बकरा बनाया जा रहा”
बुधवार को लेह में राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन हुआ जो हिंसक हो गया। इस दौरान 4 लोगों की मौत हुई और 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी हैं। इसी मामले में गृहमंत्रालय ने वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।
लेकिन वांगचुक ने पलटवार करते हुए कहा –“सरकार असली मुद्दों से ध्यान हटाकर बलि का बकरा तलाश रही है। असली वजह लद्दाख के युवाओं की नाराजगी है, न कि मेरे भाषण।”
“पीएसए लगाकर दो साल के लिए जेल भेजने की तैयारी”
वांगचुक ने कहा कि उन्हें पता चल रहा है कि सरकार PSA (जन सुरक्षा अधिनियम) के तहत उन्हें दो साल की जेल भेजने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा –
“मैं इसके लिए तैयार हूं। लेकिन याद रखिए, जेल के अंदर का वांगचुक, बाहर के वांगचुक से सरकार के लिए कहीं ज्यादा मुश्किल खड़ी करेगा।”
युवाओं की नाराजगी को बताया असली वजह
वांगचुक ने कहा कि लद्दाख के युवा पिछले छह सालों से बेरोजगारी, अधूरे वादों और राजनीतिक उपेक्षा से परेशान हैं। उन्होंने कहा – “सरकार आरक्षण के नाम पर दिखावा कर रही है, लेकिन असली मांगें जैसे राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची अब तक पूरी नहीं हुई हैं। यही वजह है कि युवा गुस्से में हैं।”
हिंसा में बिगड़े हालात, कर्फ्यू लागू
बुधवार को बीजेपी कार्यालय और हिल काउंसिल पर हमला हुआ, गाड़ियों को आग लगा दी गई और पुलिस पर पत्थरबाज़ी हुई। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। फिलहाल पूरे लेह जिले में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
गृहमंत्रालय और उपराज्यपाल का बयान
गृह मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंसा राजनीतिक रूप से प्रेरित लोगों और वांगचुक जैसे नेताओं के भड़काऊ बयानों की वजह से हुई। साथ ही यह चेतावनी भी दी कि कोई भी भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर न किया जाए।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस से बातचीत चल रही है। 6 अक्टूबर को एक और बैठक प्रस्तावित है।
उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा –“शांतिपूर्ण विरोध सबका अधिकार है, लेकिन जो हिंसा हुई वो एक साजिश थी। जो लोग माहौल खराब कर रहे हैं, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।”
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