Asia Cup 2025: एशिया कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को ऐसी पटखनी दी कि मैदान से लेकर सोशल मीडिया तक पाकिस्तानी खेमा बुरी तरह बौखला गया। भारत की इस धमाकेदार जीत ने न सिर्फ क्रिकेट के मैदान में पाकिस्तान को पछाड़ा, बल्कि पाकिस्तान के नेताओं और क्रिकेटरों की हकीकत भी सामने ला दी।
मोदी पर बेतुका आरोप
भारत से करारी हार के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक अजीबोगरीब बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रिकेट की भावना को नष्ट कर रहे हैं और इससे दक्षिण एशिया में शांति की संभावनाएं खत्म हो रही हैं। सोचने वाली बात है कि क्रिकेट में हार का गुस्सा एक देश के प्रधानमंत्री पर निकालना कहां तक जायज़ है?
पाकिस्तानी कप्तान का ‘क्रिकेट’ के नाम पर ड्रामा
इतना ही नहीं, पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान सलमान अली आग़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय टीम पर ये आरोप लगा दिया कि उन्होंने मैच के बाद हाथ नहीं मिलाया, और इससे उन्होंने क्रिकेट का अपमान किया है। लेकिन असली बवाल तब मचा, जब इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सलमान अली आग़ा ने ऐलान किया कि पूरी पाकिस्तानी टीम अपनी मैच फीस भारत की स्ट्राइक में मारे गए ‘नागरिकों’ के लिए दान करेगी।
अब यहां बात समझने वाली है – ये ‘नागरिक’ असल में कौन थे?
‘नागरिक’ नहीं, थे खूंखार आतंकी
दरअसल, भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इस ऑपरेशन में मारे गए लोग कोई आम नागरिक नहीं, बल्कि वही आतंकी थे जो भारत में हमले की साजिश रचते थे।
भारत की इस स्ट्राइक में मारे गए लोगों में शामिल थे:
- जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर के दो बहनोई – यूसुफ अजहर (जो कंधार हाईजैक में शामिल था) और मोहम्मद जमील अहमद (जैश का मुख्य ऑपरेशनल कमांडर)
- हमज़ा जमील – जो कश्मीर में आतंकी गतिविधियां देखता था
- हुज़ैफ़ा अज़हर – मसूद अजहर का रिश्तेदार और अफगानिस्तान में जैश का सीनियर सदस्य
- याक़ूब मुग़ल, हसन ख़ान, वक़ास, मुदस्सिर, अबू उक़सा – ये सब जैश और लश्कर के सक्रिय आतंकी थे, जिनका काम हथियार चलाना, ट्रेनिंग देना और भारत पर हमले करना था
तो अब जब पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आग़ा कह रहे हैं कि टीम की मैच फीस इन लोगों के नाम दान की जाएगी, तो इसका साफ मतलब है कि पाकिस्तान की क्रिकेट टीम आतंकियों को ‘नागरिक’ बताकर उनका सम्मान कर रही है।
आतंकियों से प्यार कोई नई बात नहीं
ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के क्रिकेटरों का आतंकियों से लगाव दिखा हो। पहले भी पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और बाद में प्रधानमंत्री बने इमरान खान को तालिबान के समर्थन की वजह से ‘तालिबान खान’ कहा जाता था। अब इस एशिया कप के दौरान भी पाकिस्तानी खिलाड़ी साहिबज़ादा फरहान ने भारत के खिलाफ अर्धशतक लगाने के बाद बंदूक चलाने का इशारा किया था।
हार की खीझ में भारत पर दोष
पाकिस्तान को इस एशिया कप में भारत से लगातार तीन मैचों में हार झेलनी पड़ी – और फाइनल में तो उनकी बुरी तरह बेइज्जती हुई। इसी बौखलाहट में अब वो भारत को आतंक से लड़ने के लिए नहीं, बल्कि आतंकियों को मारने के लिए कोस रहे हैं।
सिर्फ मैच नहीं जीता
- भारत ने आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की
- पाकिस्तान ने उन्हें ‘नागरिक’ बताया
- अब पाकिस्तानी क्रिकेट टीम उनकी याद में मैच फीस दान कर रही है
- इससे साफ है कि पाकिस्तान का आतंकियों से रिश्ता सिर्फ सरकार तक सीमित नहीं, क्रिकेट टीम भी उसी सोच में रंगी हुई है।
भारत ने सिर्फ मैच नहीं जीता, बल्कि दुनिया के सामने ये भी साबित किया कि कौन सच में आतंकवाद के खिलाफ है, और कौन उसका समर्थन कर रहा है।
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