Lucknow Mayawati Rally: लखनऊ में आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की बड़ी रैली हुई, जिसमें पार्टी प्रमुख मायावती ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कई अहम बातें कहीं। यह रैली बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि (परिनिर्वाण दिवस) के मौके पर रखी गई थी। रैली में लाखों की संख्या में लोग जुटे और पार्टी का दावा है कि करीब 5 लाख कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
मायावती ने सरकारों पर साधा निशाना
मायावती ने अपने भाषण में सबसे पहले योगी सरकार का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि कांशीराम मेमोरियल की मरम्मत कई सालों से नहीं हो पा रही थी क्योंकि पिछली सरकारों, खासकर समाजवादी पार्टी (सपा), ने इसकी अनदेखी की थी। लेकिन अब योगी सरकार ने पूरा पैसा लगाकर इस स्थल की मरम्मत करवाई है, जिसके लिए वह आभारी हैं।
साथ ही उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सपा सत्ता में थी, तब उन्हें बाबा साहब, कांशीराम, पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) की याद नहीं आई। लेकिन अब जब विपक्ष में हैं, तो इन्हीं नामों का सहारा ले रहे हैं।
“कांशीराम का सपना मैंने पूरा किया”
मायावती ने कहा कि कांशीराम की ख्वाहिश थी कि दलित और वंचित वर्ग मिलकर अपनी बहुमत की सरकार बनाएं। उन्होंने कहा कि कांशीराम के जीते जी यह सपना पूरा नहीं हो सका, लेकिन उनके निधन के बाद उन्होंने (मायावती ने) इसे साकार किया और 2007 में बसपा ने अकेले दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।
कांग्रेस और बीजेपी पर भी तीखा हमला
मायावती ने कांग्रेस पर भी हमला किया और कहा कि कांशीराम के निधन पर एक दिन का भी शोक नहीं घोषित किया गया। कांग्रेस ने बाबा साहब को भारत रत्न देने में भी देर की। वहीं बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में भी दलित-पिछड़े वर्गों का उत्पीड़न रुका नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण बिल आज भी लटका हुआ है और बीजेपी ने उसे पास कराने की ईमानदारी से कोशिश नहीं की। मायावती ने आरोप लगाया कि सपा सरकार ने तो उस बिल की कॉपी तक फाड़ दी थी।
“दलित वोट बांटने की साजिश हो रही है”
मायावती ने कहा कि विरोधी दल जानबूझकर दलित वोट को बांटने के लिए साजिशें कर रहे हैं। कई छोटे संगठन बनवाए गए हैं, जो बसपा के वोट काटने के लिए बनाए गए हैं। उन्होंने अपने समर्थकों को चेताया कि 2027 के चुनाव से पहले इन “बिकाऊ लोगों” से सावधान रहें।
रोजगार और कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया
मायावती ने कहा कि जब उनकी सरकार थी तो हर वर्ग के लिए रोजगार के मौके बनाए गए थे और कानून-व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया था। उन्होंने कहा कि अब की सरकारें मुफ्त राशन देकर लोगों को गुलाम बना रही हैं, लेकिन हमने लोगों को आत्मनिर्भर बनाया।
“बसपा ही संविधान की असली रक्षक है”
मायावती ने सत्ताधारी और विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि ये सभी पार्टियां मिलकर बाबा साहब के बनाए संविधान को कमजोर करना चाहती हैं और फिर से जातिवादी व्यवस्था लागू करना चाहती हैं। लेकिन बसपा ऐसा नहीं होने देगी, चाहे इसके लिए कितना भी संघर्ष क्यों न करना पड़े।
2027 के लिए दिया चुनावी मंत्र
मायावती ने कहा कि 2027 में यूपी में एक बार फिर से बसपा की सरकार बनानी है और इसके लिए 2007 की तरह की रणनीति अपनानी होगी। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे गांव-गांव, मोहल्ला-मोहल्ला में जाकर छोटी-छोटी बैठकों के जरिए पार्टी की विचारधारा और नीतियों को लोगों तक पहुंचाएं।
उन्होंने कहा, “बसपा ही एकमात्र पार्टी है जो संविधान बचा सकती है और दबे-कुचले वर्गों को उनके अधिकार दिला सकती है।”
रैली में मायावती के साथ कौन-कौन रहा?
रैली के मंच पर मायावती करीब 3 घंटे तक मौजूद रहीं। उनके साथ मंच पर भाई आनंद कुमार, भकाश आनंद, वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र और अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। रैली को सफल बनाने के लिए चारबाग रेलवे स्टेशन पर पहली बार बसपा सहायता शिविर भी लगाया गया था ताकि बाहर से आए कार्यकर्ताओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
मायावती ने इस रैली के जरिए 2027 विधानसभा चुनाव के लिए सीधा संदेश दिया है कि अब बसपा मैदान में उतर चुकी है। उन्होंने ना सिर्फ सपा-कांग्रेस और बीजेपी पर हमला बोला, बल्कि अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी लोगों को याद दिलाया। इस रैली को देखकर यह साफ है कि बसपा फिर से सक्रिय मोड में आ गई है और 2027 में सत्ता वापसी की पूरी तैयारी में जुट गई है।
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