IPS Vikrant Veer: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में पुलिस विभाग में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। इस बदलाव में कई आईपीएस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र बदले गए हैं। इसी कड़ी में आईपीएस विक्रांत वीर को लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) के पद पर तैनात किया गया है।
अब लोग जानना चाह रहे हैं कि ये विक्रांत वीर कौन हैं, कहां से आते हैं, और इनका सफर कैसा रहा है? तो आइए, जानते हैं आईपीएस विक्रांत वीर की कहानी आम भाषा में।
बिहार से यूपी कैडर तक का सफर
आईपीएस विक्रांत वीर मूल रूप से नालंदा, बिहार के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम शैलेंद्र कुमार है। पढ़ाई में शुरू से होशियार रहे विक्रांत ने बीएससी इन नॉटिकल साइंस किया और फिर बन गए मर्चेंट नेवी ऑफिसर।
मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़ दी यूपीएससी के लिए
मुंबई के मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी करने के बाद विक्रांत वीर की 2011 में मर्चेंट नेवी में नौकरी लग गई थी। कुछ साल उन्होंने इस फील्ड में काम भी किया। लेकिन मन में कुछ और ही करने की ठानी।
नौकरी करते-करते ही उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की और 2013 में पास भी कर लिया। उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए चुना गया और 2014 बैच, यूपी कैडर में शामिल किया गया।
कानपुर से शुरू हुआ पुलिस सेवा का सफर
आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग कानपुर में एएसपी (अपर पुलिस अधीक्षक) के तौर पर हुई थी। इसके बाद उन्होंने कई जगहों पर अहम जिम्मेदारियां संभालीं।
हाथरस केस में हुए थे सस्पेंड
2020 का हाथरस कांड शायद ही कोई भूला हो। एक दलित लड़की के साथ गैंगरेप और फिर मौत के बाद पूरे देश में गुस्सा था। उस वक्त विक्रांत वीर हाथरस के एसपी थे। मामले में लापरवाही के आरोप लगे और योगी सरकार ने विक्रांत वीर समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
हालांकि इस निलंबन को लेकर IPS एसोसिएशन ने विरोध भी जताया था और कहा था कि फैसले में जल्दबाज़ी हुई है।
अब लखनऊ में मिली बड़ी ज़िम्मेदारी
अब एक बार फिर आईपीएस विक्रांत वीर की वापसी हुई है। उन्हें लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी के पद पर नियुक्त किया गया है। इससे पहले वो डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध थे। उनकी ये पोस्टिंग काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि लखनऊ प्रदेश की राजधानी है और यहां कानून-व्यवस्था बनाए रखना बड़ी ज़िम्मेदारी होती है।
ये भी देखें: Cough Syrup Case: कफ सिरप है या काल! घातक गलती या लापरवाही ?