Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की खबर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इसका सीधा असर अब दिल्ली के दवा बाजार में भी दिखने लगा है। कफ सिरप को लेकर लोगों में इतना डर बैठ गया है कि अब वे इसे खरीदने से पहले कई बार सोचते हैं।
कफ सिरप की बिक्री में 30% से ज्यादा की गिरावट
दिल्ली के दवा कारोबारियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में कफ सिरप की मांग में 30 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है।
- पहले जहां लोग बेनाड्रिल जैसे सिरप बेझिझक खरीदते थे,
- अब उनकी जगह गोली या कैप्सूल लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
- खासकर बच्चों के लिए सिरप खरीदने में लोग झिझक महसूस कर रहे हैं।
घरेलू नुस्खे बन रहे हैं पहली पसंद
कई माता-पिता अब बच्चों को सिरप देने से पूरी तरह बच रहे हैं। उनका कहना है कि MP और राजस्थान से जो खबरें आईं, उन्हें सुनकर वे अब हर्बल इलाज और घरेलू नुस्खों पर भरोसा कर रहे हैं। तुलसी, अदरक, शहद जैसे नुस्खे फिर से लोगों की पहली पसंद बन गए हैं।
डॉक्टर भी अब ज्यादा सतर्क
कफ सिरप को लेकर डॉक्टरों का रुख भी बदला है। अब डॉक्टर सिरप लिखते समय बहुत सावधानी बरत रहे हैं। कुछ डॉक्टर तो सिरप की जगह टेबलट या नेचुरल थेरेपी सजेस्ट कर रहे हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की जो गाइडलाइंस हैं, वही दिल्ली में भी लागू होंगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि संदिग्ध कफ सिरप न बिके, न इस्तेमाल हो।
स्वास्थ्य विभाग रख रहा है नजर
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की टीम भी एक्टिव हो गई है। वे लगातार दवा बाजार पर नजर रखे हुए हैं। कोई नकली या संदिग्ध दवा न बिके, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
मध्य प्रदेश की दुखद घटना ने लोगों को कफ सिरप को लेकर बेहद सतर्क कर दिया है। दिल्ली जैसे बड़े शहर में भी इसका असर साफ दिख रहा है –
- बिक्री गिरी है,
- डॉक्टर सावधान हो गए हैं,
- और लोग घरेलू उपायों पर लौट रहे हैं।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग को अब ज़रूरत है कि वो और सख्ती से निगरानी रखें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और लोगों का भरोसा फिर से दवाओं पर लौट सके।
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