Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार सियासी मुकाबला केवल दलों के बीच नहीं, बल्कि लालू परिवार के भीतर भी देखने को मिल रहा है।
तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच लंबे समय से जारी मतभेद अब चुनावी मैदान में खुलकर सामने आ गए हैं। इसी बीच आरजेडी ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ऐसा दांव चला है जिसने सियासी हलचल मचा दी है।
टिकट देकर तेजस्वी ने किया पलटवार
आरजेडी ने तेज प्रताप यादव की चचेरी साली डॉ. करिश्मा राय को सारण जिले की परसा विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। यह फैसला केवल एक टिकट नहीं, बल्कि एक राजनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। तेज प्रताप अपनी नई पार्टी बनाकर बगावत पर उतर आए हैं, जबकि तेजस्वी ने उसी परिवार से उम्मीदवार उतारकर एक ही तीर से कई निशाने साध लिए हैं।
चंद्रिका राय का टिकट कटा
ऐश्वर्या राय के पिता चंद्रिका राय, जो पहले राजद के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं, अब जेडीयू से जुड़े हुए थे। लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला। जेडीयू ने उनकी जगह छोटेलाल राय को उम्मीदवार बना दिया, जिन्होंने पिछले चुनाव में चंद्रिका राय को 17,000 मतों से हराया था।
इस तरह परसा सीट पर राजद बनाम जेडीयू का मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है।
तेजस्वी का रणनीतिक संदेश
तेजस्वी यादव ने इस कदम से अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव को अप्रत्यक्ष रूप से यह संदेश दिया है कि अब आरजेडी निजी मतभेदों से ऊपर उठकर केवल राजनीति पर ध्यान देगी।
उन्होंने परिवार के भीतर विवाद के बावजूद करिश्मा राय (RJD) को टिकट देकर यह साफ कर दिया है कि पार्टी की रणनीति परिवार से बड़ी है। यह कदम तेजस्वी के लिए राजनीतिक रूप से परिपक्वता और आत्मविश्वास का संकेत माना जा रहा है।
नई पीढ़ी की सियासी चेहरा
डॉ. करिश्मा राय पेशे से डेंटिस्ट हैं और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पोती हैं। उनके पिता विधानचंद्र राय लालू प्रसाद यादव के कॉलेज के साथी रहे हैं।
राजद में शामिल होते समय करिश्मा राय ने कहा था कि “लालू परिवार से मेरा रिश्ता ऐश्वर्या की शादी से पहले से है।” अब उनके चुनाव मैदान में उतरने से लालू परिवार की अगली पीढ़ी का नया राजनीतिक चेहरा उभर रहा है।
परसा सीट का जातीय समीकरण
परसा विधानसभा में यादव, मुस्लिम, कुशवाहा और दलित मतदाताओं की संख्या अधिक है। यह सीट हमेशा M-Y (Muslim-Yadav) वोट बैंक पर निर्भर रही है, जो आरजेडी की परंपरागत ताकत है।
तेजस्वी का यह फैसला यादव और महिला मतदाताओं को साधने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
RJD की राजनीतिक जवाब
तेजस्वी यादव का यह कदम न केवल परिवारिक मतभेदों पर राजनीतिक जवाब है, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से एक बड़ा कदम भी है। उन्होंने करिश्मा राय को उम्मीदवार बनाकर एक ओर चंद्रिका राय (JDU) का समीकरण बिगाड़ा है, वहीं दूसरी ओर अपने भाई तेज प्रताप यादव को राजनीतिक संदेश भी दे दिया है।
बिहार की सियासत में यह मुकाबला अब परिवार, भावना और रणनीति — तीनों के संगम का प्रतीक बन गया है।
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