CM Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। वह जल्द ही जापान और सिंगापुर की यात्रा पर रवाना होंगे, जहां वे विदेशी निवेशकों से मुलाकात कर उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे। यह दौरा राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
निवेश बढ़ाने की बड़ी रणनीति तैयार
उत्तर प्रदेश सरकार एक ऐसे कार्यक्रम पर काम कर रही है, जो निवेश के वादों को वास्तविकता में बदलने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस मिशन के तहत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं विदेश जाकर रोड शो करेंगे। यात्रा की रूपरेखा इन्वेस्ट यूपी द्वारा तैयार की जा रही है। सीएम के दौरे से पहले पांच सदस्यीय टीम जापान और सिंगापुर जाकर कंपनियों और औद्योगिक संस्थाओं से मुलाकात करेगी।
यह पहल राज्य को एक वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य से जुड़ी है। मुख्यमंत्री की इस विदेश यात्रा का मकसद केवल निवेश आकर्षित करना नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश को तकनीकी और औद्योगिक रूप से सशक्त बनाना भी है।
किन-किन क्षेत्रों में होगा निवेश पर फोकस
इस दौरे के दौरान बातचीत मुख्य रूप से ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स, बायोटेक्नोलॉजी, फिनटेक, नवीकरणीय ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगी। सरकार चाहती है कि इन क्षेत्रों में विदेशी निवेश से न केवल उद्योग बढ़ें बल्कि लोगों को रोजगार भी मिले।
जापान में औद्योगिक दिग्गजों से मुलाकात
जापान में इन्वेस्ट यूपी की टीम टोक्यो, ओसाका-कोबे और यामानाशी जैसे प्रमुख औद्योगिक शहरों में बैठकों का आयोजन करेगी। यहां टोयोटा, होंडा, सुजुकी, सोनी, हिताची, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक, पैनासोनिक, ताकेडा और सॉफ्टबैंक जैसी दिग्गज कंपनियों से मुलाकात होगी।
इसका उद्देश्य सटीक इंजीनियरिंग, विनिर्माण और उच्च तकनीक के क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देना है।
सिंगापुर में निवेशकों से होगी चर्चा
सिंगापुर में, यह प्रतिनिधिमंडल टेमासेक होल्डिंग्स, जीआईसी, कैपिटालैंड, सेमकॉर्प इंडस्ट्रीज, विल्मर इंटरनेशनल, एसटी टेलीमीडिया ग्लोबल डेटा सेंटर्स और ओलैम इंटरनेशनल जैसी प्रमुख कंपनियों से मुलाकात करेगा। चर्चा के प्रमुख विषयों में डेटा सेंटर, स्मार्ट सिटी, खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण शामिल होंगे।
राज्य में निवेश और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
इस यात्रा का सबसे बड़ा लक्ष्य उत्तर प्रदेश में निवेश को आकर्षित करना है। सरकार चाहती है कि विदेशी कंपनियां राज्य में अपने कारखाने और कार्यालय खोलें ताकि युवाओं को रोजगार मिले। यह पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ-साथ स्थानीय उद्योगों को भी सशक्त बनाएगी।
मुख्यमंत्री की इस यात्रा से विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और राज्य में आधुनिक तकनीकों के आगमन का रास्ता खुलेगा। यह कदम उत्तर प्रदेश को भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह विदेश यात्रा उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश मानचित्र पर एक नई पहचान दिलाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है। जापान और सिंगापुर में निवेश की संभावनाएं तलाशकर राज्य न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होगा, बल्कि रोजगार, तकनीक और औद्योगिक विकास के नए द्वार भी खुलेंगे।
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