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China Nuclear Aircraft Carrier: चीन बना रहा परमाणु शक्ति से लैस सुपर एयरक्राफ्ट कैरियर ‘टाइप 004’, भारत और अमेरिका के लिए बढ़ा खतरा

by | Nov 13, 2025 | ख़बर, ट्रेंडिंग, देश, बड़ी खबर, मुख्य खबरें, विदेश

China Nuclear Aircraft Carrier: चीन ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। अब वह अपने नए ‘टाइप 004 न्यूक्लियर एयरक्राफ्ट कैरियर’ के निर्माण में जुटा है, जो उसकी नौसेना को एक नई दिशा देगा। माना जा रहा है कि यह विमानवाहक पोत परमाणु ऊर्जा से संचालित होगा, जिससे चीन की समुद्री क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। सामने आई उपग्रह तस्वीरों से पुष्टि होती है कि यह जहाज लियाओनिंग प्रांत के डालियान शिपयार्ड में तैयार हो रहा है।

यह जहाज न केवल तकनीकी रूप से उन्नत होगा, बल्कि चीन की वैश्विक सैन्य स्थिति को भी मजबूत करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम चीन को अमेरिका जैसी महाशक्तियों के करीब ले जाएगा और एशिया के समुद्री क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदल सकता है।

‘टाइप 004’ के सामने आने के बाद अमेरिका और भारत दोनों में रणनीतिक हलचल तेज हो गई है। अमेरिका के पेंटागन की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि चीन के अगली पीढ़ी के कैरियर अधिक टिकाऊ और लंबी दूरी तक संचालन करने में सक्षम होंगे। इसका मतलब है कि चीन की नौसेना अब अपने क्षेत्र से बाहर भी शक्ति प्रदर्शन कर सकेगी।

भारत के लिए भी यह विकास चिंता का विषय है, क्योंकि दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में उसकी उपस्थिति सीधे भारत की सामरिक सीमाओं को प्रभावित कर सकती है।

टाइप 004 की संरचना अमेरिकी ‘फोर्ड क्लास’ सुपरकैरियर जैसी बताई जा रही है। इसके डेक पर दो आगे और दो साइड कैटापुल्ट होंगे, जो विमानों को तेज गति से लॉन्च करने में मदद करेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, इस पोत में एक या दो न्यूक्लियर रिएक्टर लगाए जा सकते हैं, जो इसे असीमित ऊर्जा और रेंज प्रदान करेंगे।

इस जहाज में उन्नत सेंसर, आधुनिक राडार सिस्टम और अत्याधुनिक हथियार होंगे। यह जहाज चीन के मौजूदा पारंपरिक कैरियर ‘फुजियान’ और ‘लियाओनिंग’ से कई गुना अधिक शक्तिशाली होगा।

जानकार बताते हैं कि चीन के सिचुआन प्रांत के लेशान में ‘ड्रैगन माइट प्रोजेक्ट’ के तहत भूमि-आधारित न्यूक्लियर रिएक्टर का परीक्षण किया जा चुका है। यह रिएक्टर भविष्य के बड़े युद्धपोतों के लिए बनाया गया है। यह तकनीक चीन को फ्रांस और अमेरिका के बाद ऐसा देश बना देगी, जिसके पास परमाणु ऊर्जा से चलने वाले विमानवाहक पोत होंगे।

न्यूक्लियर एयरक्राफ्ट कैरियर मिलने से चीन की समुद्री मौजूदगी और अधिक मजबूत हो जाएगी। अब उसे ईंधन या आपूर्ति की निर्भरता नहीं रहेगी, जिससे वह लंबे समय तक ताइवान जलडमरूमध्य और साउथ चाइना सी में संचालन कर सकेगा।
इसके साथ ही चीन अपने ‘टाइप 076’ प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है, जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापुल्ट से लैस ड्रोन लॉन्च जहाज होगा — जो सीधे भारत और अमेरिका के रणनीतिक हितों को चुनौती देगा।

फिलहाल चीन के पास तीन पारंपरिक एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जबकि अमेरिका के पास 11 परमाणु-संचालित सुपरकैरियर हैं। लेकिन ‘टाइप 004’ आने के बाद यह अंतर काफी घट सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले कुछ वर्षों में चीन परमाणु-संचालित नौसेना शक्ति के रूप में उभरकर सामने आएगा।

 ‘टाइप 004 न्यूक्लियर एयरक्राफ्ट कैरियर’ चीन के सैन्य इतिहास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न केवल एशिया में शक्ति संतुलन बदल देगा, बल्कि भारत और अमेरिका के लिए एक नई रणनीतिक चुनौती भी बनेगा। चीन का यह कदम बताता है कि वह अब समुद्र की गहराइयों में भी सुपरपावर बनने की राह पर है।

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