Ram Mandir Dhwajarohan: अयोध्या आज फिर इतिहास का साक्षी बनी। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य शिखर पर धर्म ध्वजा को वैदिक मंत्रोच्चार और शुभ मुहूर्त में स्थापित कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन क्षण पर हाथ जोड़कर रामलला को प्रणाम किया, वहीं संपूर्ण रामनगरी उत्सव और आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर नजर आई।
22 फीट उच्च धर्म ध्वजा, प्रतीकात्मक डिजाइन और धार्मिक महत्त्व
धर्म ध्वजा का स्वरूप बेहद विशिष्ट है—
- लंबाई 22 फीट
- चौड़ाई 11 फीट
- ध्वज पर कोविदार वृक्ष, सूर्यवंश का प्रतीक और “ॐ” अंकित
- इलेक्ट्रिक सिस्टम से आरोहण
यह ध्वज न सिर्फ राम मंदिर निर्माण की पूर्णता का संकेत है, बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म, सत्य और त्याग का प्रतीक भी माना जा रहा है।
रामनगरी में धार्मिक उल्लास, हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति
अयोध्या की गलियों और मुख्य मार्गों पर जय श्रीराम के जयकारे गूंजते रहे।
- सात सांस्कृतिक मंचों पर लोक कलाकारों ने प्रस्तुति दी
- श्रद्धालुओं, संत समाज और स्वयंसेवकों ने कार्यक्रम में भाग लिया
- सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम, ड्रोन से निगरानी
यह पूरा आयोजन शांतिपूर्ण व भव्य तरीके से संपन्न हुआ।
मोहन भागवत बोले, “प्राण देने वाले रामभक्तों की…”
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा—
- यह दिन उन सभी रामभक्तों की तपस्या का फल है जिन्होंने जीवन अर्पित किया
- कोविदार वृक्ष शक्ति और धर्म का प्रतीक है
- राम मंदिर वैसा ही बना है, जैसा कभी स्वप्न देखा गया था
- अब भारत को शांति, समृद्धि और सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ने का संकल्प लेना होगा
भागवत ने इसे धर्म और राष्ट्र जागरण का दिवस बताया।
योगी- “भव्य मंदिर हमारी आस्था, गर्व और संकल्प का प्रतीक”
ध्वजारोहण के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा—
- राम मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का प्रतीक
- यह ध्वज बताता है कि धर्म अमर है और रामराज्य के सिद्धांत अटल
- 2014 के बाद बदली परिस्थितियों ने इस स्वप्न को साकार किया
- अयोध्या अब विकास और आध्यात्मिकता के नए युग में प्रवेश कर चुकी है
योगी ने पीएम मोदी और मोहन भागवत को रामलला की प्रतिमा और धर्म ध्वज का मिनिएचर मॉडल भेंट किया।
पीएम मोदी का भावुक क्षण, हाथ जोड़कर रामलला को नमन
ध्वजारोहण के दौरान पीएम मोदी ने सिर झुकाकर मौन प्रणाम किया।
उनकी मुद्रा से इस ऐतिहासिक घटना के प्रति श्रद्धा और भावनात्मक जुड़ाव साफ झलक रहा था।
अभिजीत मुहूर्त में सम्पन्न ध्वजारोहण ने इस क्षण को और अधिक पवित्र बना दिया।
राम मंदिर के शिखर पर फहरती धर्म ध्वजा
ध्वज के लहराते ही अयोध्या में एक नए अध्याय की शुरुआत का भाव प्रकट हुआ।
यह ध्वज हिंदू संस्कृति की आत्मा, परंपराओं की शक्ति और राष्ट्र की आस्था का प्रतीक बनकर सदैव शिखर पर विराजमान रहेगा।
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