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Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण पर सख्त फैसला, 50% वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य, मजदूरों को ₹10,000 की राहत

by | Dec 17, 2025 | ख़बर, ट्रेंडिंग, देश, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। लगातार खराब होती हवा और बढ़ते स्वास्थ्य खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कई कड़े और अहम फैसले लिए हैं। रेखा गुप्ता सरकार ने राजधानी के सभी सरकारी और निजी दफ्तरों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम (WFH) को अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही निर्माण कार्य ठप होने से प्रभावित रजिस्टर्ड मजदूरों को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया गया है।

दिल्ली सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सभी सरकारी और निजी संस्थानों में केवल 50 फीसदी कर्मचारी ही कार्यालय में काम करेंगे, जबकि बाकी कर्मचारियों को घर से काम करना होगा। इस फैसले का उद्देश्य सड़कों पर ट्रैफिक कम करना और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना है। सरकार ने चेतावनी दी है कि वर्क फ्रॉम होम के नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

सरकार ने यह भी साफ किया है कि स्वास्थ्य सेवाएं, अस्पताल, फायर ब्रिगेड, जेल, पुलिस और सार्वजनिक परिवहन जैसी जरूरी सेवाओं को इस नियम से छूट दी जाएगी। इन क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को पहले की तरह ड्यूटी पर आना होगा, ताकि आम जनता को किसी तरह की असुविधा न हो।

दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि GRAP के तीसरे और चौथे चरण के कारण जिन निर्माण मजदूरों का काम बंद हुआ है, उन्हें सरकार की ओर से 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे मजदूरों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। हालांकि यह लाभ केवल रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों को ही मिलेगा।

मंत्री ने बताया कि GRAP-III करीब 16 दिनों तक लागू रहा, जिसकी वजह से कई निर्माण गतिविधियां पूरी तरह बंद रहीं। इससे दिहाड़ी पर काम करने वाले मजदूरों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। सरकार का कहना है कि यह मुआवजा मजदूरों को राहत देने और उनके परिवारों को सहारा देने के उद्देश्य से दिया जा रहा है।

प्रदूषण के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी द्वारा सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर कपिल मिश्रा ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें हर साल प्रदूषण के समय जिम्मेदारी से बचती नजर आती थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि अब जब एक महिला मुख्यमंत्री लगातार हालात पर नजर रख रही हैं और फैसले ले रही हैं, तो विपक्ष अनावश्यक बयानबाजी कर रहा है।

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के मुताबिक बुधवार सुबह दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 329 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। हालांकि पिछले कुछ दिनों की तुलना में यह गंभीर स्तर से थोड़ा नीचे जरूर आया है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए अब भी खतरा बना हुआ है। कई इलाकों में सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।

दिल्ली सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे निजी वाहनों के इस्तेमाल से बचें, सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें और खुले में कचरा या पत्तियां न जलाएं। सरकार का कहना है कि जब तक जनता और प्रशासन मिलकर प्रयास नहीं करेंगे, तब तक प्रदूषण पर पूरी तरह काबू पाना मुश्किल है।

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