Bangladesh Violence: बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मौजूदा हालात को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अंतरिम सरकार के कामकाज, बढ़ते कट्टरपंथी प्रभाव और भारत के खिलाफ उभर रही बयानबाजी को न केवल गैर-जिम्मेदार बताया, बल्कि इसे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरनाक करार दिया।
“चिकन नेक” जैसे बयान बेहद खतरनाक
शेख हसीना ने भारत के पूर्वोत्तर और तथाकथित “चिकन नेक कॉरिडोर” को लेकर सामने आ रहे बयानों पर तीखा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि इस तरह की बयानबाजी गंभीर और गैर-जिम्मेदार है, जो यह दिखाती है कि मौजूदा अंतरिम शासन में कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव बढ़ गया है।
उनका मानना है कि कोई भी समझदार नेतृत्व अपने ऐसे पड़ोसी देश को धमकी नहीं दे सकता, जिस पर व्यापार, ट्रांजिट और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए निर्भरता हो।
भारत-बांग्लादेश संबंध बुनियादी हैं
पूर्व प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि बुनियादी हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बांग्लादेश की आर्थिक समृद्धि और सुरक्षा भारत के साथ मजबूत संबंधों से जुड़ी हुई है।
शेख हसीना के अनुसार, भारत को इन बयानों पर चिंता होना पूरी तरह जायज है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि ऐसी सोच बांग्लादेश की आम जनता की भावना का प्रतिनिधित्व नहीं करती।
यूनुस के पास विदेश नीति बदलने का जनादेश नहीं
अंतरिम सरकार और मोहम्मद यूनुस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए शेख हसीना ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था को विदेश नीति जैसे दीर्घकालिक फैसले लेने का कोई जनादेश नहीं है।
उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के निर्णय आने वाली पीढ़ियों पर असर डाल सकते हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बिना लिए गए फैसले देश को और अस्थिर करेंगे।
बढ़ती हिंसा और कानून व्यवस्था पर सवाल
बांग्लादेश में हाल के दिनों में हुई हिंसक घटनाओं का जिक्र करते हुए शेख हसीना ने कहा कि उस्मान हादी की हत्या और अल्पसंख्यकों के खिलाफ घटनाएं देश में फैलती अराजकता का संकेत हैं।
उनके मुताबिक, मौजूदा शासन या तो इन घटनाओं से इनकार कर रहा है या फिर इन्हें रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। जब कोई सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा नहीं कर पाती, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी विश्वसनीयता भी कमजोर पड़ जाती है।
भारत विरोधी माहौल के पीछे कौन?
शेख हसीना ने आरोप लगाया कि भारत विरोधी माहौल कट्टरपंथी तत्वों द्वारा जानबूझकर बनाया जा रहा है, जिन्हें अंतरिम सरकार ने खुली छूट दी है।
उन्होंने दावा किया कि यही वे समूह हैं, जिन्होंने दूतावासों की ओर मार्च किया, मीडिया संस्थानों पर हमले किए और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया। उनके अनुसार, इन्हीं हालात के कारण उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बांग्लादेश वापसी पर क्या बोलीं शेख हसीना?
देश लौटने को लेकर शेख हसीना ने स्पष्ट किया कि उन्होंने बांग्लादेश न्याय से बचने के लिए नहीं, बल्कि खूनखराबा रोकने के लिए छोड़ा था।
उन्होंने कहा कि जब देश में वैध सरकार, स्वतंत्र न्यायपालिका और लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल होगी, तब वे अपने देश लौटने के लिए तैयार हैं। उन्हें भरोसा है कि किसी निष्पक्ष अदालत में वे निर्दोष साबित होंगी।
लोकतंत्र बहाल होने पर बदलेगा माहौल
शेख हसीना ने विश्वास जताया कि जैसे ही बांग्लादेश में लोकतंत्र की वापसी होगी, कट्टरपंथी बयानबाजी और गैर-जिम्मेदार राजनीति अपने आप खत्म हो जाएगी। उनके मुताबिक, लोकतांत्रिक सरकार आने के बाद नीति फिर से राष्ट्रीय हित और क्षेत्रीय स्थिरता पर केंद्रित होगी।
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