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नोएडा में ट्विन टावर पार्ट-2 ! नोएडा की किस इमारत में योगी के आदेश के बाद लगाया जाएगा बारूद

by | Oct 16, 2023 | अपना यूपी, गौतमबुद्धनगर, ट्रेंडिंग, बड़ी खबर, मुख्य खबरें, लखनऊ

Lucknow/Noida News : आजकल सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिल्डर और बायर्स की समस्याओं को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, बायर्स के हितों के लिए अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि बिल्डर को भी थोड़ी सी राहत देने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन नोएडा में ऐसे-ऐसे कुंभकरण है की जिन्होंने थोड़ी बहुत नहीं बल्कि बहुत सारी कमियां छोड़ रखी हैं भला ऐसे बिल्डरों के खिलाफ अधिकारी कैसे कार्रवाई नहीं करेंगे, एक ऐसे ही बिल्डर की कहानी जब योगी के सामने आई तो वे आग बबूला हो गए और कहा की तोड़ दो उसकी अवैध बिल्डिंग को। सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औद्योगिक विकास के अधिकारियों के साथ-साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दोनों सीईओ के साथ बैठक कर रहे थे। इस बैठक में स्पोर्ट्स सिटी से जुड़े विवाद को निपटने की कोशिश थी।

नोएडा में चार स्पोर्ट्स सिटी की लैंड है, बिल्डरों पर आरोप यह है कि वहां उन्होंने ग्राउंड के लिए जगह नहीं छोड़ी, वहां खेल से संबंधित सुविधाएं नहीं दी गई हैं, जिनके यहां ये सुविधाएं नहीं हैं ऐसे बिल्डरों का नक्शा पास नहीं किया गया है और ना ही किया जाएगा, इन बिल्डरों के पास लाखों-लाखों लोगों का इन्वेस्टमेंट फसा हुआ है, सरकार को कुछ ना कुछ तो हल निकालना है बाकी स्पोर्ट्स सिटी का हल मुख्यमंत्री को निकलता हुआ नजर आया लेकिन जब बात नोएडा के पुराने और मशहूर बिल्डर एटीएस की आई तो मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि सर इसने तो ग्रीनलैंड बिल्कुल नहीं छोड़ी, तो मुख्यमंत्री ने एकदम कहा कि ऐसे लोगों की इमारत को तुरंत तोड़ना चाहिए, नियम व कानून से समझौता बिल्कुल बर्दाशत नहीं किया जाएगा।

हालांकि कुछ अधिकारियों ने कहा की बिल्डर ने अपना पक्ष बताते हुआ कहा कि जिस नियम व शर्त पर जमीन दी गई है हमने सरकार की उन शर्तों को फॉलो किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएसी में स्पोर्ट्स सिटी को लेकर अहम सुनवाई चल रही है, सुनवाई का नतीजा जो भी रहे लेकिन मुख्यमंत्री जानना चाहते हैं कि आखिर सच्चाई क्या है इसलिए लगातार अधिकारियों की मीटिंग का दौर उनके साथ चल रहा है। उसी सुनवाई में मुख्यमंत्री ने एटीएस बिल्डर के अवैध निर्माण को बारूद से उड़ानें की बात कह दी, यकीन मानिए अगर हकीकत में इसका निर्माण अवैध हुआ तो नोएडा में ट्विन टावर पार्ट-2 जल्द ही देखने को मिल सकता है।

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क्या था ट्विन टावर का मामला ?

साल 2012 तक एपेक्स और सियान टावर महज 13 मंजिल तक बन पाए थे, लेकिन जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो बिल्डर ने परियोजना के काम को ऐसी रफ्तार दी कि डेढ़ साल में ही 19 मंजिल का अतिरिक्त निर्माण कर डाला। 2014 में हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद काम बंद हो गया। बिल्डर की चालाकी काम नहीं आई। टावरों की ऊंचाई इसलिए बढ़ाई, ताकि कोर्ट ऐसा कोई फैसला न ले सके। इससे किसी तरह का नुकसान हो, लेकिन हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि नागरिकों और पर्यावरण की सुरक्षा को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। वहीं, अगर ये टावर दूसरे संशोधित प्लान के अनुसार 24 मंजिल तक ही बनाए जाते तो शायद आज इनके तोड़ने की नौबत न आती। बता दें कि पिछले साल 28 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ट्विन टावर को ढहा दिया गया था।

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