Ayodhya: भगवान रामलला को समर्पित राम मंदिर में भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आने के साथ-साथ भक्तों के बीच उत्सुकता बढ़ती जा रही है। भगवान राम की जन्मभूमि कही जाने वाली अयोध्या नगरी पहले से ही उत्साह से भरी हुई है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 5 नवंबर को अक्षत (चावल) पूजा करेगा, जो आधिकारिक तौर पर भव्य समारोह की शुरुआत होगी।
आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा उत्सव 16 से 25 जनवरी तक होने वाला है, समारोह अक्षत पूजा के साथ शुरू होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 5 नवंबर को यह अनुष्ठान करने की योजना बना रहा है। इस कार्यक्रम की शोभा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रतिनिधियों की उपस्थिति से होगी जो पवित्र चावल अपने साथ ले जाएंगे। ये प्रतिनिधि पवित्र प्रसाद को विभिन्न राज्यों की राजधानियों में ले जाएंगे, जहां अनुष्ठानों की तैयारी अच्छी तरह से चल रही है। आवास एवं भोजन की व्यवस्था के साथ अतिथियों का स्वागत किया जाएगा।
22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में होने वाली भगवान रामलला की नई मूर्ति के लिए भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी, 2024 को निर्धारित है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश भर से 4,000 संतों और प्रतिष्ठित हस्तियों की भागीदारी देखी जाएगी। देश, 2,500 प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों के साथ। उत्सव में दावतों के साथ-साथ संपूर्ण रामायण और सुंदरकांड का पाठ भी शामिल होगा।
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व्यापक प्रचार-प्रसार की तैयारी
ट्रस्ट यह सुनिश्चित करने के लिए तैयारी कर रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह देश भर के 500,000 से अधिक गांवों तक पहुंचे। इससे इन गांवों के लोग अपने गृहनगर से इस कार्यक्रम के गवाह बन सकेंगे। गाँव घी के दीपक जलाएंगे, विशेष व्यंजन तैयार करेंगे और उन्हें उत्सव के हिस्से के रूप में पेश करेंगे। 4 नवंबर से अक्षत पूजा के लिए देशभर से प्रतिनिधि अयोध्या पहुंचने लगेंगे। इस आयोजन में जन प्रतिनिधियों और भगवान राम के अन्य भक्तों की भागीदारी होगी।