Akhilesh Yadav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लेकर एक बड़े सुधार का ऐलान किया। पीएम मोदी ने कहा कि दिवाली तक देशवासियों को “नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स” का तोहफा मिलेगा, जिससे आम लोगों को राहत मिलने वाली है। उन्होंने इस रिफॉर्म को टैक्स दरों को कम करने और प्रणाली को और सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इस रिफॉर्म से रोजमर्रा की वस्तुओं पर लगने वाला टैक्स घटेगा और आम जनता को सीधा फायदा पहुंचेगा। उनके इस ऐलान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और विपक्षी दलों ने इसे चुनावी रणनीति करार दिया है।
Akhilesh Yadav ने दी प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री के इस ऐलान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए केंद्र सरकार को जीएसटी को लेकर प्रैक्टिकल और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी।
अखिलेश यादव ने लिखा “जीएसटी का सबसे बड़ा सुधार ये है कि वो प्रैक्टिकल और पॉज़िटिव एप्रोच रखे, व्यापारियों का शोषण न करे, काग़ज़ी कार्रवाई का डर न दिखाए।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को ऐसा कोई डर पैदा नहीं करना चाहिए जिससे व्यापारी वर्ग भयभीत महसूस करे। साथ ही उन्होंने जीएसटी प्रक्रिया को सरल और ज़मीनी हकीकतों से जुड़ा बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
‘राजस्व न्याय‘ की मांग
सपा प्रमुख ने केंद्र सरकार से यह भी मांग की कि राज्यों को उनके योगदान के अनुसार राजस्व का हिस्सा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा “जो राज्य जिस अनुपात में अपना योगदान दे रहा हो, उसी अनुपात में या उसकी बुनियादी ज़रूरतों को देखते हुए विकास के लिए अतिरिक्त हिस्सा भी उसे दिया जाए। राज्यों के साथ ‘राजस्व न्याय’ किया जाए।”
विपक्ष ने उठाए सवाल
पीएम मोदी के इस ऐलान पर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार को वाकई जनता को राहत देनी है तो इसे दिवाली तक टालने की क्या जरूरत है? कुछ दलों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार इस रिफॉर्म का फायदा आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में उठाना चाहती है।