Amit Shah: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में यमुना नदी की सफाई और पुनर्जीवन को लेकर एक अहम उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर, जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केन्द्रीय गृह सचिव, दिल्ली के मुख्य सचिव समेत केन्द्र और दिल्ली सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदमों की जरूरत
बैठक में अमित शाह ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को जल प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए तत्काल और प्रभावी तरीके से कार्य करना चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार से औद्योगिक अपशिष्ट से फैलते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगातार और ठोस कदम उठाने की अपील की।
यमुना की सफाई के लिए राज्यों के बीच तालमेल जरूरी
शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि यमुना केवल दिल्ली की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी इसमें प्रदूषित जल मिल रहा है। उन्होंने इन तीनों राज्यों से मिलकर काम करने का आग्रह किया और खासतौर पर नजफगढ़ और शाहदरा ड्रेनों की स्थिति सुधारने के लिए BOD स्तर में कमी लाने की कार्ययोजना पर काम करने की बात कही।
ड्रोन सर्वेक्षण और गंगा मिशन का बजट बढ़ाने का सुझाव
गृह मंत्री ने नजफगढ़ और शाहदरा ड्रेनों का ड्रोन सर्वे कराने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे सफाई अभियान को तकनीकी सहायता मिलेगी। उन्होंने यमुना के पुनर्जीवन के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) का बजट बढ़ाने की आवश्यकता भी जताई।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता में इजाफा
अमित शाह ने यह निर्देश दिया कि वर्ष 2028 तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) की क्षमता बढ़ाकर 1500 MGD की जाए। साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित करने की जरूरत बताई कि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के STP से निकलने वाले जल की थर्ड पार्टी के माध्यम से गुणवत्ता जांच नियमित रूप से हो।
जल संरक्षण और कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान
दिल्ली के जलाशयों में वर्षा जल संचित करने की व्यवस्था पर बल देते हुए शाह ने कहा कि इससे जल संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया कि डेयरी और गौशालाओं से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के साथ मिलकर काम करें। इसके साथ ही, अनधिकृत डेयरियों पर सख्ती से नियंत्रण करने की भी आवश्यकता बताई।
यमुना में ई-फ्लो बढ़ाने की दिशा में प्रयास
गृह मंत्री ने यमुना में जल प्रवाह बनाए रखने के लिए Ecological Flow (E-Flow) बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ समन्वय कर हल निकाला जाए। साथ ही, ओखला के एसटीपी से उपचारित जल को यमुना में छोड़े जाने की सिफारिश की ताकि नदी की जल गुणवत्ता में सुधार हो।
दिल्ली में जल आपूर्ति के लिए सर्वे और बोरवेल नियंत्रण की जरूरत
अमित शाह ने निर्देश दिया कि दिल्ली के हर घर में जलापूर्ति की स्थिति का एक विस्तृत सर्वे कराया जाए ताकि संपूर्ण शहर के लिए एक संगठित और व्यापक योजना बनाई जा सके। उन्होंने बोरवेल से हो रहे अनियंत्रित जल दोहन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर रोक लगाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड को ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए और इन बोरवेलों को चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाना चाहिए।
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