Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद जहां राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, वहीं एनडीए (NDA) गठबंधन के अंदर भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। खासकर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी सीट बंटवारे को लेकर खुलकर नाराज़गी जता रहे हैं।
मांझी की मांग
मांझी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी 15 विधानसभा सीटों से कम पर समझौता नहीं करेगी। उनकी पार्टी के करीबी सूत्रों का कहना है कि मांझी गठबंधन में खुद को ‘साइडलाइन’ होने नहीं देंगे और सम्मानजनक हिस्सेदारी चाहते हैं।
BJP-JDU में बातचीत जारी
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू (JDU) के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत आगे बढ़ रही है, लेकिन छोटे सहयोगियों को लेकर तस्वीर अभी भी साफ नहीं है। HAM को अब तक सिर्फ 7 से 8 सीटों का ऑफर मिला है, जबकि मांझी 15 सीटों पर अड़े हुए हैं। इसी बात को लेकर पार्टी में नाराज़गी का माहौल है।
क्यों अहम हैं मांझी?
- जीतन राम मांझी एनडीए के पुराने सहयोगी हैं।
- अभी केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं।
- 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा और 3 पर जीत हासिल की थी।
- उनका राजनीतिक प्रभाव गया, जहानाबाद और औरंगाबाद ज़िलों में खासा है।
इसलिए इस बार वो सीटों को लेकर ज्यादा मजबूती से दावेदारी कर रहे हैं।
असम दौरे पर गए मांझी, क्या है संकेत?
सीट बंटवारे की इस खींचतान के बीच मांझी सरकारी दौरे पर असम रवाना हो गए हैं। nहालांकि, उनके करीबी कह रहे हैं कि यह एक आधिकारिक यात्रा है और मंत्रालय से जुड़े कामों की समीक्षा करेंगे, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे दिल्ली से दूरी बनाने का संकेत माना जा रहा है। अब मांझी 10 अक्टूबर के बाद दिल्ली लौटेंगे, और माना जा रहा है कि तब एनडीए के शीर्ष नेताओं से उनकी निर्णायक बैठक हो सकती है।
कब हैं चुनाव?
- चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया।
- पहला चरण: 6 नवंबर
- दूसरा चरण: 11 नवंबर
- गिनती (मतगणना): 14 नवंबर
क्या संकेत मिल रहे हैं?
NDA में सीटों को लेकर जारी यह खींचतान दिखाता है कि गठबंधन के अंदर अभी सब कुछ तय नहीं है। छोटे दल, खासकर HAM जैसे सहयोगी, अपनी सियासी ताकत और सम्मानजनक हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि बीजेपी और जेडीयू किस तरह से इस मामले को सुलझाते हैं ताकि गठबंधन में एकता बनी रहे।
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