Bihar Elections: बिहार में विधानसभा चुनाव में अभी कुछ महीनों का वक्त बचा है, लेकिन राजनीतिक माहौल अभी से गर्म हो चला है। दिलचस्प बात यह है कि इस बार सियासी तकरार विपक्ष से नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष यानी NDA के घटक दलों के बीच ही देखी जा रही है। NDA के दो प्रमुख नेता – हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान अब आमने-सामने हैं।
चिराग के “दलितों की रक्षा” बयान पर मांझी का पलटवार
राजगीर में एक जनसभा के दौरान चिराग पासवान ने कहा था कि उनके रहते किसी भी दलित के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने मंच से यह दावा किया कि वे दलितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
चिराग के इस बयान पर मांझी ने तीखा पलटवार करते हुए कहा “किसी की मदद करनी है तो कह कर नहीं करते हैं। समझदारी उसी में है जो बिना कहे काम किया जाए। बोलने वाले में समझदारी की कमी है।”
NDA के अंदर ही बढ़ती खींचतान
हालांकि दोनों नेता NDA का हिस्सा हैं, लेकिन इनके बीच चल रही बयानबाज़ी गठबंधन के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है। चिराग पासवान ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह दी है, तो मांझी ने भी साफ कर दिया है कि वे 40 सीटों की मांग करेंगे।
पिछले दिनों मांझी ने चिराग की सभाओं को लेकर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि,“चिराग पासवान सिर्फ ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।” इस तरह की जुबानी जंग अगर आगे भी जारी रही तो यह NDA के लिए भीतरघात जैसा संकट बन सकती है।
वक्फ कानून पर भी मांझी की दो टूक
वक्फ कानून को लेकर भी जीतन राम मांझी ने विरोध करने वालों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, “जो लोग वक्फ कानून का विरोध कर रहे हैं, वो नासमझ हैं। वक्फ कानून न किसी धर्म के खिलाफ है, न किसी व्यक्ति के। यह वक्फ बोर्ड के सिस्टम को सुधारने के लिए है, जिससे वक्फ की संपत्ति से कॉलेज, स्कूल और अन्य लाभकारी काम किए जा सकें।”
मांझी ने कहा कि इससे भविष्य में व्यवस्था और पारदर्शिता आएगी, और जो लोग इस कानून को समझते हैं, वे इसका विरोध नहीं कर रहे हैं।
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