Bihar News : बिहार के जहानाबाद स्थित केंद्रीय विद्यालय (KV) की शिक्षिका दीपाली साह को बिहार और उसके लोगों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने अपनी पोस्टिंग को लेकर न केवल नाराजगी जताई, बल्कि अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए बिहार के बारे में विवादित टिप्पणी की।
वायरल वीडियो और विवादित टिप्पणी
वायरल वीडियो में दीपाली साह अपनी पोस्टिंग को लेकर नाराजगी जाहिर करती हुई नजर आती हैं। उन्होंने कहा, भारत में केंद्रीय विद्यालय की इतनी शाखाएं हैं, मुझे कहीं भी पोस्ट किया जा सकता था। मेरे दोस्तों को दार्जिलिंग, सिलचर, बेंगलुरु जैसी जगहों पर पोस्टिंग मिली, लेकिन मुझे भारत के सबसे बेकार क्षेत्र में भेज दिया गया। एक अन्य वीडियो में उन्होंने बिहार की स्थिति पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, मैं मजाक नहीं कर रही, बिहार की हालत वास्तव में बहुत खराब है। यहां के लोगों में जरा भी नागरिक भावना नहीं है। भारत आज भी विकासशील देश है, सिर्फ इसलिए क्योंकि बिहार इसका हिस्सा है। जिस दिन बिहार भारत से अलग हो जाएगा, देश विकसित हो जाएगा।
दीपाली साह का यह बयान बिहार के लोगों के लिए अपमानजनक साबित हुआ, और इसके बाद राज्य में भारी आक्रोश देखने को मिला।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
बिहार की सांसद शांभवी चौधरी ने इस विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) के कमिश्नर को पत्र लिखकर शिक्षिका के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। पत्र में उन्होंने लिखा, एक शिक्षिका का इस तरह की असंवेदनशील और अपमानजनक भाषा का प्रयोग करना बेहद आपत्तिजनक है। शिक्षकों की जिम्मेदारी छात्रों को शिक्षा और संस्कार देने की होती है, लेकिन इस तरह की मानसिकता से समाज में नकारात्मकता फैलती है। इस मामले की गहन जांच कर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
सांसद की ओर से की गई इस मांग के बाद मामले में राजनीतिक और सामाजिक तकरार बढ़ गई। सोशल मीडिया पर भी लोग शिक्षिका की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिससे मामले का दायरा और बढ़ गया।

केंद्रीय विद्यालय संगठन की कार्रवाई
सोशल मीडिया पर लोगों के आक्रोश को देखते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन ने शीघ्र ही शिक्षिका दीपाली साह को निलंबित कर दिया। संगठन ने इस पर संज्ञान लिया और शिक्षिका के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की, जिससे उनके खिलाफ सख्त संदेश भेजा गया।
निलंबन के बाद दीपाली साह ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय थी और उन्हें अपनी बात रखने का अधिकार है। हालांकि, बाद में उन्होंने कैमरे पर किसी भी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया, और यह कहा कि उनकी बातें व्यक्तिगत विचार थीं, जिन्हें किसी विशेष संदर्भ में कहा गया था।