Cough Syrup Deaths: हाल ही में मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की अचानक मौतों ने सबको चौंका दिया है। अब तक कुल 11 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 9 मौतें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में और 2 मौतें राजस्थान में हुई हैं। इन मौतों को एक खास कफ सिरप से जोड़ा जा रहा है, जिससे बच्चों की तबीयत बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।
छिंदवाड़ा में बढ़ रही बच्चों की मौतें
छिंदवाड़ा के परासिया इलाके में कई बच्चे सर्दी, बुखार और वायरल फीवर से बीमार हो रहे हैं। पहले जहां 6 बच्चों की मौत हुई थी, अब यह संख्या बढ़कर 9 हो गई है।
परासिया के एसडीएम शुभम यादव ने बताया कि फिलहाल 1420 बच्चों की पहचान हुई है, जो सर्दी-खांसी या बुखार से पीड़ित हैं। प्रशासन ने एक खास प्रोटोकॉल बनाया है – अगर कोई बच्चा दो दिन से ज्यादा बीमार रहता है, तो उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कर 6 घंटे निगरानी में रखा जाता है। अगर हालत बिगड़ती है तो उसे जिला अस्पताल रेफर किया जाता है।
अभी तक जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें से 5 ने Coldrif सिरप और 1 ने Nextro-DS सिरप लिया था। ये दोनों कफ सिरप अब जांच के घेरे में हैं। प्राइवेट डॉक्टरों को सख्त हिदायत दी गई है कि अगर वायरल फीवर के लक्षण वाला बच्चा आए तो तुरंत सरकारी अस्पताल भेजा जाए।
पानी और मच्छरों की जांच क्या कहती है?
प्रशासन ने पानी और मच्छरों से जुड़ी बीमारियों की जांच भी करवाई, लेकिन अब तक के टेस्ट नॉर्मल आए हैं। एक सैंपल पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट में कुछ गलत नहीं पाया गया। हालांकि, पानी के सैंपल की एक और जांच रिपोर्ट का इंतजार है, जो CSIR-NEERI (नागपुर) कर रहा है।
राजस्थान में भी दो बच्चों की मौत
राजस्थान में भी इसी तरह की दो मौतें सामने आई हैं। भरतपुर में 2 साल का एक बच्चा कफ सिरप पीने के बाद चल बसा, जबकि इससे पहले सीकर में 5 साल का एक और बच्चा दम तोड़ चुका है। दोनों मामलों में किडनी फेलियर को वजह माना जा रहा है।
अब जांच में जुटा NCDC
सरकार की तरफ से नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) ने पूरे मामले की जांच तेज कर दी है। उन्होंने अस्पतालों और दवा दुकानों से पानी, दवाइयों और कफ सिरप के नमूने इकट्ठा किए हैं, जिनकी लैब में जांच की जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, जैसे ही रिपोर्ट आती है, उसे राज्य की दवा एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा।
राजस्थान सरकार ने उठाया कदम
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (RMSCL) ने इन कफ सिरप के 19 बैचों की बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने माता-पिता, डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर चलाने वालों को अलर्ट रहने को कहा है।
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