Delhi Assembly Elections 2025 : दिल्ली की सत्ता की धुरी मानी जाने वाली नई दिल्ली विधानसभा सीट पर इस बार सियासी घमासान और भी ज्यादा रोचक हो गया है। अरविंद केजरीवाल जो कि इस सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं, अब चौथी बार चुनावी मैदान में हैं। वहीं उनके खिलाफ बीजेपी से पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा और कांग्रेस से पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ताल ठोक रहे हैं। इस सीट पर हो रहे इस मुकाबले के कारण सभी की निगाहें नई दिल्ली पर टिकी हुई हैं।
अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत नई दिल्ली सीट से ही की थी और उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित को हराकर मुख्यमंत्री पद की कुर्सी प्राप्त की थी। अब, केजरीवाल का मुकाबला बीजेपी के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है, जिससे मुकाबला और भी दिलचस्प बन गया है।
प्रवेश वर्मा और स्वाति सिंह का बैकअप प्लान
नई दिल्ली विधानसभा सीट से अपने नामांकन दाखिल करने के बाद प्रवेश वर्मा ने अपनी पत्नी स्वाति सिंह को भी नामांकन दाखिल करने के लिए भेजा। यह कदम किसी रणनीतिक योजना का हिस्सा माना जा रहा है। स्वाति सिंह ने खुद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने इस सीट से नामांकन सिर्फ अपने पति प्रवेश वर्मा के बैकअप कैंडिडेट के रूप में भरा है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी कारणवश प्रवेश वर्मा का नामांकन खारिज होता है या उनकी उम्मीदवारी पर कोई संकट आता है, तो स्वाति सिंह चुनावी मैदान में उतरकर अपनी ताकत दिखा सकती हैं।
इस रणनीति के तहत, अगर प्रवेश वर्मा का नामांकन स्वीकार हो जाता है, तो स्वाति सिंह अपना नाम वापस ले सकती हैं। इस तरह से वर्मा ने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी उम्मीदवारी पर कोई भी खतरा न आए और चुनावी लड़ाई में कोई भी रिस्क न लिया जाए।
प्रवेश वर्मा को क्यों हो रहा है डर?
प्रवेश वर्मा पर नई दिल्ली सीट के चुनावी मैदान में उतरते ही कई गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर मतदाताओं को पैसा, साड़ी और अब जूते बांटने के आरोप हैं। चुनाव आयोग ने इस मामले में केस दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं। अगर ये आरोप सही साबित होते हैं, तो यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो सकता है, जिससे उनकी उम्मीदवारी पर गंभीर खतरा मंडराता है।
अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर मतदाताओं को रिश्वत देने का आरोप लगाया था और दिल्ली चुनाव आयोग से इसकी जांच की मांग की थी। ऐसे में वर्मा पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला बनता जा रहा है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। यही कारण है कि वर्मा ने अपनी पत्नी स्वाति सिंह को बैकअप कैंडिडेट के रूप में नामांकित किया, ताकि किसी भी स्थिति में उनकी उम्मीदवारी सुरक्षित रहे।
चुनाव आयोग कर सकता है उम्मीदवारी रद्द
1951 के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (1) (A) के तहत अगर किसी उम्मीदवार या उनके चुनावी एजेंट द्वारा मतदाताओं को गिफ्ट देने, वादा करने या किसी अन्य रूप में प्रलोभन देने की कोशिश की जाती है, तो यह भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। इस तरह के मामलों में आपराधिक कार्रवाई का प्रावधान है और उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द होने का खतरा हो सकता है। इसी कारण वर्मा ने अपनी पत्नी का नामांकन दाखिल करवा दिया है, ताकि किसी भी संभावित समस्या से बचा जा सके।
प्रवेश वर्मा का राजनीतिक करियर
प्रवेश वर्मा बीजेपी के फायरब्रांड नेता माने जाते हैं और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। 2014 और 2024 में साउथ वेस्ट दिल्ली सीट से सांसद रहे वर्मा को बीजेपी ने इस बार नई दिल्ली सीट से प्रत्याशी बनाया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में उनका नाम नई दिल्ली सीट से आया है। इस दौरान वर्मा ने नई दिल्ली क्षेत्र में अपनी सियासी गतिविधियां तेज कर दी थीं, जिससे वह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं।