Dilip Jaiswal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देशवासियों के साथ ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 123वां एपिसोड साझा किया। इस अवसर पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, तीर्थयात्रा, भारत का ट्रेकोमा मुक्त होना, ‘अहिंसा रेशम’ का महत्व, और भारतीय अंतरिक्ष मिशन की सफलता जैसे अनेक विषयों पर बात की। पीएम मोदी ने विशेष रूप से आपातकाल की 50वीं बरसी का उल्लेख करते हुए उस दौर को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया और देश को उस समय के अत्याचारों की याद दिलाई।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में एक्सियम मिशन 4 पर गए भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से हुई वीडियो कॉल का भी उल्लेख किया और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति को देश के लिए गर्व की बात बताया।
लोकतंत्र पर हमला था आपातकाल – पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 1975 में लगाए गए आपातकाल को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय बताते हुए कहा कि उस समय न्यायपालिका, प्रेस और आम जनता की आज़ादी को कुचल दिया गया था। उन्होंने मोरारजी देसाई और जगजीवन राम जैसे वरिष्ठ नेताओं के विचारों को साझा करते हुए उस दौर के दमन और अत्याचारों की ओर ध्यान आकर्षित किया।
दिलीप जायसवाल का बयान
बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने ‘मन की बात’ के इस एपिसोड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से आपातकाल में इंदिरा गांधी के जरिए किए गए अत्याचारों की चर्चा की। आज ‘मन की बात’ में हमें मोरारजी देसाई और जगजीवन राम के शब्दों में सुनने का मौका मिला कि कैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था और न्याय व्यवस्था की हत्या की गई और एक काला अध्याय लिखा गया।”
उन्होंने आगे कहा, “जब शासक तानाशाह बन जाता है और अहंकार में चूर हो जाता है, तब देश में लोकतंत्र की हत्या होती है। कांग्रेस के पूर्वजों ने वही किया।”
अहम मुद्दे
प्रधानमंत्री ने ‘वोकल फॉर लोकल’, पर्यावरण संरक्षण, खेलों में भारत की बढ़ती भागीदारी, और तीर्थ यात्रा जैसे विषयों को भी उठाया। उन्होंने ‘अहिंसा रेशम’ की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए अनुकूल है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा की भी पहचान है।
प्रधानमंत्री का यह संबोधन एक बार फिर देशवासियों को प्रेरणा देने वाला रहा, जिसमें उन्होंने देश की उपलब्धियों के साथ-साथ इतिहास से सीखने की भी बात की।