Gaurav Bhatia: आपने कोर्ट में चोरी, मारपीट या ज़मीन-जायदाद के मामले तो खूब सुने होंगे, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट में मंगलवार को जो मामला पहुंचा, वो थोड़ा हटके था और थोड़ा हैरान करने वाला भी।
दरअसल, बीजेपी प्रवक्ता और सीनियर वकील गौरव भाटिया एक न्यूज़ डिबेट शो में शामिल हुए थे। शो के दौरान जब कैमरा उन पर गया, तो वो सिर्फ कुर्ता पहने हुए नजर आए और ऐसा लगा जैसे उन्होंने नीचे कुछ नहीं पहना है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर उनकी क्लिप वायरल हो गई और लोगों ने तरह-तरह के मीम्स, जोक्स और आपत्तिजनक टिप्पणियां करना शुरू कर दीं।
क्या बोले गौरव भाटिया?
गौरव भाटिया ने इसे अपनी छवि और निजता पर हमला बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। उन्होंने कोर्ट से गुज़ारिश की कि जो भी पोस्ट उनके बारे में आपत्तिजनक भाषा या नीचे के अंगों का जिक्र करते हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए।
उन्होंने कोर्ट में खुद खड़े होकर कहा, “मैं आपके सामने इसलिए खड़ा हूं क्योंकि प्रतिष्ठा दशकों में अर्जित की जाती है। सोशल मीडिया पर मुझे ‘नंगा’ कहना बेहद अपमानजनक है।”
शो में क्या हुआ था?
गौरव भाटिया के वकील राघव अवस्थी ने बताया कि उस दिन भाटिया ने शॉर्ट्स पहने हुए थे, लेकिन कैमरे के एंगल के कारण ऐसा लगा कि उन्होंने पैंट नहीं पहनी है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर जानबूझकर गलत संदर्भ में फैलाया गया, जिससे उनका मज़ाक बना और उनकी इमेज को नुकसान पहुंचा।
सोशल मीडिया पोस्ट हटाने की मांग
गौरव भाटिया ने कोर्ट से कांग्रेस की रागिनी नायक, आप नेता सौरभ भारद्वाज और समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल जैसे कई लोगों के पोस्ट हटाने की मांग की है, जिन्होंने इस वीडियो पर आपत्तिजनक कमेंट या पोस्ट किए थे।
कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई कर रहे जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि कोर्ट उस कंटेंट पर रोक लगाएगा जिसमें गौरव भाटिया के निजी अंगों या बेहद आपत्तिजनक भाषा का जिक्र है।
लेकिन कोर्ट ने ये भी साफ किया कि अगर कोई व्यक्ति व्यंग्य या मज़ाक के तौर पर कुछ कह रहा है और वह क़ानूनी सीमा के भीतर है, तो उस पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
जस्टिस बंसल ने गौरव भाटिया से कहा, “आप राजनीति में हैं, आपको थोड़ी मोटी चमड़ी रखनी होगी।”
गूगल और सोशल मीडिया कंपनियों की दलील
गूगल की तरफ से पेश वकील ममता रानी झा ने कोर्ट से कहा कि जिन लिंक्स को हटाने की मांग की जा रही है, उनका इस वीडियो से कोई लेना-देना ही नहीं है। कुछ पोस्ट न्यूज़ रिपोर्ट हैं, और ऐसे में उन पर सीधे प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।
कोर्ट क्या करेगा?
कोर्ट ने कहा कि वो पूरे कंटेंट की जांच करेगा और फिर गुरुवार को फैसला सुनाएगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों में एकपक्षीय (one-sided) आदेश पारित करना बहुत संवेदनशील होता है, इसलिए इसे लेकर पूरी सावधानी बरती जाएगी।
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