Haryana News : हरियाणा की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्टूबर को पंचकूला के दशहरा मैदान में सुबह 10 बजे से शुरू होगा। पहले यह समारोह 15 अक्टूबर को होना था, लेकिन बाद में तिथि बदल दी गई। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
राज्य के मुख्य सचिव ने समारोह की तैयारियों की निगरानी के लिए 10 सदस्यीय समिति गठित की है। यह तय है कि नायब सैनी 10 से 11 मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन
भाजपा ने राज्य विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया है, लेकिन तीन निर्दलीय विधायकों- सावित्री जिंदल, देवेंद्र कादियान और राजेश जून ने भी पार्टी को अपना समर्थन दे दिया है। उनके समर्थन से भाजपा के पास अब 51 सदस्यों का समर्थन है। इनमें से किसी एक निर्दलीय विधायक को मंत्री पद दिया जा सकता है।
नए चेहरे शामिल किए जाने की संभावना
पिछली सैनी सरकार के दस में से आठ मंत्री, जिनमें स्पीकर भी शामिल हैं, हाल ही में हुए चुनाव में हार गए। इससे (Haryana) नई सरकार में नए चेहरे शामिल किए जाने की संभावना बन गई है। यह लगभग तय है कि दिवंगत बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी कैबिनेट का हिस्सा होंगी।
नायब सैनी का मुख्यमंत्री बनना तय
इस बात को लेकर पार्टी में कोई संदेह नहीं है कि नायब सिंह सैनी हरियाणा (Haryana) के अगले मुख्यमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ही अपनी चुनावी रैलियों में सैनी को सीएम उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं। इसलिए मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई सस्पेंस नहीं है, हालांकि पार्टी के अंदर उपमुख्यमंत्री बनाने के फॉर्मूले पर चर्चा चल रही है।
Haryana संभावित मंत्रियों पर विचार
- अनिल विज: सातवीं बार अंबाला कैंट से विधायक चुने गए भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं।
- कृष्ण लाल पंवार: इसराना से चुने गए पंवार मनोहर सरकार में मंत्री थे और दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- मूलचंद शर्मा: बल्लभगढ़ से तीन बार विधायक रह चुके शर्मा मनोहर और सैनी दोनों सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। वे ब्राह्मण समुदाय से हैं।
- महिपाल ढांडा: पानीपत ग्रामीण से तीसरी बार चुने गए ढांडा सैनी सरकार में मंत्री रह चुके हैं और प्रमुख जाट नेता हैं।
- विपुल गोयल: फरीदाबाद से चुने गए गोयल मनोहर सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उन्हें वैश्य समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए शामिल किया जा सकता है।
- रणबीर गंगवा: बरवाला से चुने गए गंगवा स्पीकर और मंत्री दोनों पदों के दावेदार हैं। वे ओबीसी कुम्हार जाति से हैं।
- राव नरबीर: पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री नरबीर बादशाहपुर से 60,000 वोटों के अंतर से चुने गए। उन्हें राव इंद्रजीत सिंह के प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जा रहा है, जिनके साथ उनके राजनीतिक मतभेद हैं।
- आरती राव: केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती को युवाओं, महिलाओं और अहीरवाल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
- कृष्ण कुमार बेदी: मनोहर सरकार में मंत्री रहे बेदी दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और कैबिनेट पद के लिए उनकी मजबूत दावेदारी है।
- हरविंदर कल्याण: घरौंदा से तीसरी बार चुने गए कल्याण स्पीकर और मंत्री दोनों पदों के दावेदार हैं। वह रोर समुदाय से हैं।
- सावित्री जिंदल या कृष्णा गहलावत: भाजपा का समर्थन करने वाली निर्दलीय सावित्री जिंदल को भी उनकी वरिष्ठता के कारण मंत्री पद दिया जा सकता है। राई से निर्वाचित कृष्णा गहलावत पर भी विचार किया जा रहा है। वह जाट समुदाय से हैं।
- डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा: पंजाबी समुदाय से तीन बार विधायक रहे और मनोहर लाल खट्टर के करीबी सहयोगी हैं।
- राजेश नागर: तिगांव से विधायक नागर को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, ताकि वे गुर्जर समुदाय का प्रतिनिधित्व कर सकें।
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