Jhansi Fire Accident : उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में बीती रात भीषण आग लगने से 10 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे में 16 बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिनका इलाज जारी है। एक साथ 10 मासूमों की मौत ने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया है। अस्पताल परिसर में मातम का माहौल है और लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर इस हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है?
कैसे लगी आग?
फिलहाल प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह बताया जा रहा है। बताया गया कि जिस समय NICU में आग लगी, उस समय वहां करीब 54 नवजात बच्चे मौजूद थे। बचाव कार्य में 40 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन 10 बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी। इस भयावह घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि अस्पताल में सुरक्षा इंतजाम क्यों नाकाफी थे और ऐसी स्थिति में बचाव के लिए तत्काल क्या किया गया।
अग्नि सुरक्षा ऑडिट और मॉक ड्रिल के बावजूद हादसा
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि झांसी मेडिकल कॉलेज में इसी साल फरवरी में अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया गया था। जून में मॉक ड्रिल भी कराई गई थी। बावजूद इसके, इस प्रकार की घटना क्यों हुई, इसका जवाब जांच के बाद ही मिल पाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक सात बच्चों के शवों की पहचान कर ली गई है, जबकि तीन बच्चों की पहचान बाकी है। उन्होंने यह भी कहा कि मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
पीड़ित परिवारों का दर्द और विपक्ष की मांग
इस घटना ने न केवल प्रभावित परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में भी आक्रोश पैदा कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जांच और सवालों का इंतजार
इस मामले की जांच जारी है और आग लगने की असली वजह सामने आना बाकी है। फिलहाल यह देखना होगा कि जांच के बाद क्या जिम्मेदारियां तय होती हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।
मल्लिकार्जुन खरगे की मांग
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस मामले पर शोक जताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।