2024 का लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि इस बार चुनाव जाति आधारित जनगणना के मुद्दे को लेकर होगा। राजस्थान सरकार ने बिहार के पश्चात जाति आधारित जनगणना कराने का ऐलान किया है। लोकसभा चुनाव का परिणाम जातीय जनगणना के मुद्दे पर ही आएगा। माना जा रहा है कि जाति आधारित जनगणना होने पर सभी को सम्मान और हक मिल सकता है। सामाजिक न्याय जातीय जनगणना के बिना संभव नहीं है। आपको बता दें कि अब चाहे वो केंद्र की सरकार हो या अन्य सरकारें उन्हें जाति आधारित जनगणना करानी पड़ेगी।
बीजेपी नहीं चाहती जाति आधारित जनगणना – अखिलेश यादव
अखिलेश यादव का कहना है कि समाजवादी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ और सपा में समाजवादी बाबा साहब वाहिनी पदाधिकारियों की बैठक में बीजेपी संविधान को बदलने की तैयारी कर रही है।दलितों, शोषितों, वंचितों, पिछड़ों को अधिकारों से महरूम कर रही है। अभी तो नौकरियों आउटसोर्सिंग करके खत्म किया जा रहा है।बीजेपी सरकार जाति आधारित जनगणना नहीं करवाना चाहती है। वह सामाजिक न्याय के पक्ष में भी नहीं है। आगामी लोकसभा चुनाव में ‘पीडीए’ (अल्पसंख्यक, पिछड़ा, दलित ) एनडीए को हराएंगे।
जनता के पास अपने सुझावों के साथ जाएगी पार्टी
अखिलेश यादव ने बताया कि पार्टी बहुजन समाज के बीच रविवार की बैठक में कार्यकर्ताओं, विधायकों,और नेताओं से मिले सुझावों को लेकर जाएंगी। जनता उतना ही ज्यादा नाराज होगी जितना बीजेपी सरकार इनकम टैक्स, सीबीआइ, और ईडी से जितने छापे पड़वाएगी । बीजेपी छापे डलवा रही है ताकि लोगों में डर बना रहे। लेकिन यह लोकतंत्र है और लोकतंत्र में कोई नहीं डरता है। इस बैठक में सबने ने भारतीय संविधान की शपथ ली है।